EPS 95, यानि कर्मचारी पेंशन स्कीम 1995, आज भारत में प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण और आकर्षक वित्तीय योजना बन चुकी है। इस योजना के तहत रिटायरमेंट के बाद न केवल कर्मचारी को, बल्कि उसकी पत्नी और बच्चों को भी पेंशन का लाभ मिलता है। यह योजना EPFO (भविष्य निधि संगठन) द्वारा संचालित होती है और इसमें अब तक करीब 70 लाख पेंशनभोगी लाभ उठा रहे हैं।
पेंशन का ढांचा
EPS 95 के अंतर्गत, कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त होती है जो कि मृत्यु होने पर उसकी पत्नी और बाद में उनके बच्चों को भी दी जाती है। इस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन राशि 1,000 रुपये प्रति माह है।
कौन उठा सकता है इस स्कीम का फायदा
किसी भी प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी जिसका खाता 2014 से पहले खुला हो और जिसने कम से कम 10 वर्षों तक नौकरी की हो, वह इस योजना का लाभ उठा सकता है।
लाभार्थी की सुरक्षा
यह योजना न केवल कर्मचारी के बल्कि उसके पूरे परिवार को भी सुरक्षा प्रदान करती है। यदि कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी और उसके बच्चों को भी पेंशन मिलती रहती है। पत्नी को पति की पेंशन का 50% मिलता है और यदि पत्नी नहीं रहती तो उनके बच्चों को 25% पेंशन दी जाती है जो कि 25 वर्ष की आयु तक सीमित होती है।
रिटायरमेंट से पहले की पेंशन
EPS 95 योजना के अंतर्गत, अगर कर्मचारी 50 वर्ष की आयु से पहले बेरोजगार हो जाता है या स्थायी रूप से दिव्यांग हो जाता है, तो उसे पेंशन का लाभ दिया जाता है।
इस स्कीम को है सरकार का समर्थन
सरकार द्वारा इस योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए समय-समय पर नए नियम और सुधार लाए गए हैं। इसका उद्देश्य अधिकतम कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है।
EPS 95 योजना न केवल वर्तमान कर्मचारियों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक वरदान साबित हो रही है, जिससे उन्हें आर्थिक स्थिरता और समर्थन प्राप्त होता है।
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