कोशियारी समिति की रिपोर्ट पर 3000 पेंशन और 10 साल का एरियर दीजिए मोदीजी

पेंशनर्स ने प्रधानमंत्री मोदी से कोशियारी समिति की रिपोर्ट लागू कर न्यूनतम 3000 रुपये पेंशन और 10 साल का एरियर देने की अपील की है। वे नाराज हैं कि सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी की है, जबकि अन्य समूहों को प्राथमिकता दी जा रही है। पेंशनर्स सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठा रहे हैं।

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Written by Rohit Kumar

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नाराज पेंशनर्स की अपील कोशियारी समिति की रिपोर्ट पर 3000 पेंशन और 10 साल का एरियर दीजिए मोदीजी

सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नाराज पेंशनर्स अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत आने वाले पेंशनभोगी लगातार कोशियारी समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें ईपीएस 95 योजना के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को न्यूनतम 3000 रुपये पेंशन और 10 साल का एरियर देने की सिफारिश की गई है।

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करनैल पाल सिंह की अपील

पेंशनर्स करनैल पाल सिंह ने कहा कि सरकार को कम से कम कोशियारी समिति की रिपोर्ट को लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा, “इस सरकार ने देश पर 10 साल से अधिक समय तक शासन किया है। कई सेवानिवृत्त लोग अपनी न्यूनतम पेंशन की मांग करते-करते इस दुनिया से चले गए हैं। उनके जीवनसाथी को प्राकृतिक न्याय के तहत इस लाभ का हकदार बनाया जाना चाहिए।” करनैल पाल सिंह की इस अपील को सोशल मीडिया पर व्यापक समर्थन मिल रहा है, और पेंशनर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करेगी।

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सत्यनारायण हेगड़े की टिप्पणी

एक अन्य पेंशनभोगी सत्यनारायण हेगड़े ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “हमारे ऊपर कोई उपकार नहीं किया दस साल से हमारा हक माँग रहे हैं, जिन्होंने देश की प्रगति में नया पैसे का अंशदान नही दिया उनको फोकट में रेवडी बाटी जा रही और हम बुजुर्ग हमारे ही पैसे के लिए लड़ रहे हैं। क्या ये है सबका साथ सबका विकास, हम लोग सत्ता का परिवर्तन करने वाले बुजुर्ग हैं।

चुनाव के दौरान सभी भाजपा नेताओं ने पेंशनरों से वादा भी किया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो एक महीने में ही कोश्यारी कमेटी की सिफारिशें लागू करेगी.. लेकिन मोदी जी ने कांग्रेसी सरकार के उसी फैसले को लागू किया, जो कांग्रेस ने कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर किया था.. यह तो भाजपा के लिए शर्म की बात होनी चाहिए. लेकिन मोदी जी ने शान बघारते हुए इस कांग्रेसी फैसले को लागू करने का श्रेय ले रहे हैं।

मतदाताओं का वर्गीकरण और मोदी सरकार की प्राथमिकताएं

पेंशनर्स ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने मतदाताओं का वर्गीकरण कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ लोगों में से लगभग 60% मतदाता मध्यम वर्ग और गरीब लोग हैं, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। उनका कहना है कि मोदी सरकार किसानों से जुड़ने में इसलिए रुचि रखती है क्योंकि वे अधिकतम वोट पाने के लिए अहम हैं। वहीं, वरिष्ठ नागरिकों को सरकार ने उस अंतिम 20% की श्रेणी में डाल दिया है जो मतदान में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेते, और इसलिए उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।

पेंशनर्स की उम्मीदें और सरकार से मांग

इन नाराज पेंशनर्स की अपील है कि सरकार जल्द से जल्द कोशियारी समिति की सिफारिशों को लागू करे, ताकि देश के वरिष्ठ नागरिकों को उनके हक का लाभ मिल सके। पेंशनर्स का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा देश की सेवा में बिताया है और अब उनकी मांगों पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से फैल रहा है, और यह देखना होगा कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

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15 thoughts on “कोशियारी समिति की रिपोर्ट पर 3000 पेंशन और 10 साल का एरियर दीजिए मोदीजी”

  1. पेंशन की उम्मीद करना बेकार हैं
    ईपीएस95वालों नेता केवल नेतागिरी करते है गंभीर कोई नहीं ऐक सज्जन महाराष्ट्र के गाँव से सात सालों से लगातार धूनी जमा कर अपना नाम प्रचारित कर रहे हैं

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