7500 रुपये हो जाएगी पेंशन, कर्मचारियों के संगठन की मांग पर केंद्रीय मंत्री से हुई मुलाकात में क्या निकला नतीजा?

EPS-95 पेंशनधारकों ने न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये करने की मांग की है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया। संगठन ने महंगाई भत्ता और मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाओं की भी मांग की है, जिसका विपक्षी दलों ने समर्थन किया है।

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Written by Rohit Kumar

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7500 रुपये हो जाएगी पेंशन, कर्मचारियों के संगठन की मांग पर केंद्रीय मंत्री से हुई मुलाकात में क्या निकला नतीजा?

नई दिल्ली: पेंशनधारकों के संगठन EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (एनएसी) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने उनकी अधिक पेंशन की मांग पर विचार करने का आश्वासन दिया है। EPS-95 योजना के अंतर्गत आने वाले करीब 78 लाख पेंशनभोगी न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग को लेकर पेंशनधारकों का संगठन कई महीनों से सक्रिय है और उनके द्वारा निरंतर विरोध प्रदर्शन भी किया जा रहा है।

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इस संदर्भ में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने पेंशनधारकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। यह महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित विरोध प्रदर्शन के बाद हुई। इस दौरान श्रम मंत्री ने संगठन को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार पेंशनधारकों की समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर है और प्रधानमंत्री भी इस दिशा में प्रतिबद्ध हैं।

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EPS-95 एनएसी के अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल को श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने भरोसा दिया है कि सरकार हमारी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी हमारी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” राउत ने यह भी बताया कि मौजूदा पेंशन राशि के कारण बुजुर्ग दंपतियों का जीवनयापन बहुत कठिन हो जाता है, विशेष रूप से तब जब वे नियमित पेंशन कोष में वर्षों से योगदान दे रहे हैं और फिर भी उन्हें बेहद कम पेंशन मिल रही है।

गौरतलब है कि पेंशनधारकों के संगठन ने न्यूनतम पेंशन को 7,500 रुपये प्रति माह करने की मांग की है, जिसमें महंगाई भत्ता और पेंशनभोगी के जीवनसाथी के लिए मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं शामिल हों। राउत ने यह भी बताया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के कई सांसदों ने संगठन के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी मांगों का समर्थन करने का आश्वासन दिया है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या ठोस कदम उठाती है और क्या 7500 रुपये पेंशन की मांग को मान्यता मिलती है। पेंशनधारकों की उम्मीदें सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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15 thoughts on “7500 रुपये हो जाएगी पेंशन, कर्मचारियों के संगठन की मांग पर केंद्रीय मंत्री से हुई मुलाकात में क्या निकला नतीजा?”

  1. Sarkar ka aashvasn sunte sunte kuchh bujurg chale gye ,dhire dhire baki bhi chale jayenge sabhi partiyo ke netao ne sirf bujurgo ka majak bana rakha hai ,yadi sansdo ka vetan bhatta badana ho tou chupchap bad jata hai kisi ko kano kan khabar nahi hoti. Modi ji bullet train ke bade bade sapne dikha rhey hai kya 1000 pension pane walla tumhari uss bullet train ke pas bhi ja sakega ?

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  2. सरकार को जनता से ही लेकर देना है फिर इतने समय तक क्यों नहीं किया। जिन्होंने पी एफ मे पैसे जमा किया उनमें काफी लोग तो स्वर्गवासी भी हो गए बाकी भी तिल तिल कर मर जायेंगे सरकार को ये काम बुजुर्गों के लिए तुरन्त करना चाहिए।

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  3. भयानक गरीबी से जीवन निकालने वाला इंसान जो प्रधानमंत्री पद पर है. यदि वो भी इस बात को नहीं समझ रहा है और 11 वर्षों में इस समस्या का हल नहीं निकाल पाना क्या दर्शाता है. कि पेंशनरों ऐसे ही जियो. सरकार से उम्मीद मत रखो.

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  4. Rs 7500/is not a big amount. Govt works on pressure .In the case of SC/ ST reservation even after Supreme Court order in pressure
    politics govt was compelled and suitably amended descion through parliament but poor EPFO members are scattered and are not able to create pressures so Government is blind and not paying due attention even our genuine and legitimate request.

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