पेंशनभोगियों के साथ साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इनमें लाइफ सर्टिफिकेट और पेंशन संशोधन के नाम पर पेंशनभोगियों को लुभाना और फिर उनसे धोखा करना शामिल है। हाल ही में, इनकम टैक्स रिफंड के नाम पर एक नई ठगी की रणनीति सामने आई है।
साइबर अपराधियों की पुरानी रणनीतियाँ
पहले, साइबर अपराधी पेंशनभोगियों को मैसेज भेजकर लाइफ सर्टिफिकेट जमा न करने की स्थिति में पेंशन नहीं मिलने की धमकी देते थे। इस तरह के मैसेज में एक लिंक होता था, जिस पर क्लिक करने पर पेंशनभोगी अपनी बैंक डिटेल भर देते थे, जिससे वे फ्रॉड का शिकार हो जाते थे।
इसके बाद, अपराधी पेंशनभोगियों को फोन करके कहते कि पेंशन में संशोधन हुआ है और उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए ओटीपी शेयर करने की जरूरत है। इस तरह के कॉल्स में ओटीपी देने से पेंशनभोगी अपनी पेंशन और अन्य वित्तीय संसाधनों को खो बैठते थे।
नई ठगी की रणनीति
वहीं नई रणनीति में, अपराधी इनकम टैक्स रिफंड के बहाने पेंशनभोगियों को लक्षित कर रहे हैं। वे पेंशनभोगियों को मैसेज भेजते हैं कि उनका रिफंड तैयार है और उसे प्राप्त करने के लिए वे एक लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी अपडेट करें। यह लिंक उन्हें एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाता है जहां उनकी व्यक्तिगत और बैंक संबंधित जानकारी चोरी हो जाती है।
सरकारी चेतावनी
सरकार और इनकम टैक्स विभाग ने पेंशनभोगियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि किसी भी संदिग्ध मैसेज या ईमेल को तुरंत नजरअंदाज करें और इसकी शिकायत पुलिस में करें।
निष्कर्ष
इस तरह की ठगी से बचने के लिए पेंशनभोगियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेष रूप से, उन्हें किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए और न ही अपनी व्यक्तिगत जानकारी को किसी भी अनाधिकृत स्रोत के साथ साझा करना चाहिए। ऐसे में जागरूकता और सावधानी उनकी सुरक्षा की कुंजी है।