EPFO Pension: नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए प्रोविडेंट फंड (PF) एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प है। यह योजना न केवल कर्मचारियों को एक संगठित तरीके से बचत करने का मौका देती है, बल्कि उनके भविष्य को भी सुरक्षित बनाती है।
पीएफ में निवेश कैसे होता है?
बता दें, कर्मचारियों के मूल वेतन से हर माह 12 प्रतिशत राशि पीएफ में जमा की जाती है, और इतना ही योगदान नियोक्ता द्वारा किया जाता है। कर्मचारी के योगदान में से 8.33 प्रतिशत राशि कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा होती है, जबकि शेष 3.67 प्रतिशत राशि कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा होती है। इस प्रकार, यह एक संरचित बचत योजना है जो भविष्य में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।
पेंशन सुविधाएँ
पीएफ के तहत, कर्मचारियों को विभिन्न प्रकार की पेंशन सुविधाएँ मिलती हैं। यहाँ पर 7 प्रमुख पेंशन सुविधाओं का विवरण दिया गया है:
- रिटायरमेंट पेंशन: रिटायरमेंट के बाद पीएफ खाताधारक को यह सामान्य पेंशन प्रदान की जाती है।
- दिव्यांग पेंशन: सेवा के दौरान दुर्घटना के कारण विकलांग हो जाने पर पीएफ खाताधारक को दिव्यांग पेंशन मिलती है। इसके लिए कोई उम्र सीमा निर्धारित नहीं है।
- माता-पिता पेंशन: यदि पीएफ खाताधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके माता-पिता को पेंशन मिलती है। पहले पिता को, और उनकी मृत्यु के बाद माता को यह पेंशन मिलती है।
- अर्ली पेंशन: 50 वर्ष की आयु पार करने के बाद, यदि कोई पीएफ खाताधारक किसी गैर-ईपीएफ कंपनी से जुड़ा है, तो वह अर्ली पेंशन का हकदार होता है। हालांकि, इसमें मिलने वाली पेंशन सामान्य पेंशन से 4 प्रतिशत कम होती है।
- विधवा अथवा बाल पेंशन: पीएफ खाताधारक की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी और बच्चों को पेंशन मिलती है, बशर्ते बच्चे की उम्र 25 वर्ष से कम हो।
- नॉमिनी पेंशन: यदि पीएफ खाताधारक ने EPFO पोर्टल पर ई-नॉमिनेशन फॉर्म भरा है और उसकी मृत्यु हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति को पेंशन का अधिकार होता है।
- अनाथ पेंशन: पीएफ खाताधारक और उसकी पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाने पर उनके बच्चे पेंशन के हकदार होते हैं, बशर्ते बच्चों की उम्र 25 वर्ष से अधिक न हो।
निकासी के विकल्प
कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पीएफ फंड को एकमुश्त निकाल सकते हैं, या फिर हर माह पेंशन के रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, इमरजेंसी के दौरान भी कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले पीएफ फंड का कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं।
निष्कर्ष
प्रोविडेंट फंड न केवल कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, बल्कि यह उनकी और उनके परिवार की वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित करता है। विभिन्न पेंशन सुविधाओं के माध्यम से यह योजना कर्मचारियों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता प्रदान करती है।
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यह सब कुछ सही है लेकिन एक बार पेंशन बन जाने के बाद जितनी बन जाती है उतनी ही जिंदगी भर मिलती रहती है लेकिन हर साल महंगाई बढ़ने से पेंशन की वैल्यू हमेशा घटती जाती है 10 साल 15 साल बाद उसे पेंशन की वैल्यू बहुत कम हो जाती है जिससे पेंशनर्स को अपना जीवन चलने के लिए बहुत परेशानी उठानी पड़ती है
इसलिए जो भी पेंशन बनी है उसमें हर साल महंगाई भत्ता जुड़ना बहुत ही आवश्यक है इससे पेंशन की वैल्यू लगातार सामान्य बनी रहेगी और आदमी अपना जीवन यापन सामान्य रूप से कर पाएगा