Budget 2024: केंद्रीय बजट 2024-25 के प्रस्तुतिकरण के बाद से ही इस पर विभिन्न दावे और प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। सरकार इसे देश के विकास का नया द्वार बता रही है, जबकि विपक्ष ने इसे सरकार के बचाव का बजट करार दिया है। इस बीच, देशभर के लगभग 78 लाख पेंशनर्स, जो कर्मचारी पेंशन योजना 1997 (EPS 1997) के तहत आते हैं, अपनी मांगों को नजरअंदाज किए जाने पर काफी नाराज हैं।
पेंशनर्स की नाराजगी
पेंशनर्स लंबे समय से EPS 95 न्यूनतम पेंशन को 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, बजट में इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई, जिससे पेंशनर्स में असंतोष बढ़ गया है। वे सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं और सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री का संबोधन
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जुलाई को दोपहर 12 बजे विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित ‘विकसित भारत की ओर यात्रा: केंद्रीय बजट 2024-25 के बाद सम्मेलन’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे। यह सम्मेलन भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सरकार के विकासात्मक दृष्टिकोण और इसमें उद्योग की भूमिका को रेखांकित करना है।
सम्मेलन का महत्व
इस सम्मेलन में उद्योग, सरकार, राजनयिक समुदाय, थिंक टैंक आदि से 1000 से अधिक प्रतिभागी व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे। इसके अलावा, अन्य लोग देश और विदेश में स्थित विभिन्न CII केंद्रों के माध्यम से इसमें शामिल होंगे। सम्मेलन का उद्देश्य विकास के लिए सरकार की व्यापक योजनाओं को प्रस्तुत करना और उद्योग जगत की इसमें भूमिका को समझना है।
छत्तीसगढ़ में आयोजित कार्यक्रम
हाल ही में छत्तीसगढ़ में भी इस तरह का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें स्टील सेक्टर पर केंद्रित चर्चा हुई थी। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि थे। उन्होंने देश के बजट और स्टील सेक्टर के रोडमैप पर खुलकर चर्चा की थी। साथ ही, छत्तीसगढ़ और देश के विकास में स्टील सेक्टर के योगदान को आंकड़ों के माध्यम से प्रस्तुत किया था।
निष्कर्ष
केंद्रीय बजट 2024-25 ने जहां एक ओर विकास की नई उम्मीदें जगाई हैं, वहीं दूसरी ओर पेंशनर्स के असंतोष को भी जन्म दिया है। सरकार और विपक्ष के बीच इस बजट को लेकर मतभेद जारी हैं, जबकि पेंशनर्स अपनी मांगों को पूरा किए जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है और कैसे पेंशनर्स की समस्याओं का समाधान करती है।
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