EPS-95 पेंशन वृद्धि: वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों और न्याय के लिए एक निर्णायक जीत

भारतीय सरकार को EPS-95 पेंशन योजना के तहत पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि करनी चाहिए, ताकि उन्हें गरिमापूर्ण जीवन और समाज में सम्मान मिल सके। इसके लिए राजनैतिक दलों का समर्थन और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनिवार्य हैं।

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Written by Rohit Kumar

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EPS 95 में बढ़ोतरी, 9000 पेंशन+ DA की मांग कब होगी पूरी?

भारत सरकार के समक्ष EPS-95 पेंशनभोगियों की पेंशन में वृद्धि करना न केवल एक आर्थिक चुनौती है, बल्कि यह एक नैतिक जिम्मेदारी भी है। ये पेंशनर्स, जिन्होंने अपने जीवन के प्रमुख वर्षों में देश के विकास में योगदान दिया है, अब समाज में सम्मान और गरिमापूर्ण जीवन के हकदार हैं। पेंशन में वृद्धि पेंशनभोगियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का माध्यम बन सकेगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने फैसले में कहा है कि पेंशनभोगियों की गरिमा बनाए रखने के लिए समय-समय पर पेंशन में वृद्धि करना आवश्यक है।

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पेंशनभोगियों के लिए किया जाए विशेष प्रावधान

वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज की धरोहर हैं। उन्हें अपने बच्चों पर निर्भर रहे बिना एक स्वतंत्र और गरिमामय जीवन जीने का पूरा हक है। इनमें से कई पेंशनर्स उम्र और स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और वे उचित और सम्मानजनक व्यवहार की अपेक्षा रखते हैं। न्यायालय के दिशा-निर्देशों के बावजूद, उनकी स्थिति में सुधार हेतु सरकार उनकी स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। यह जरूरी है कि आगामी बजट में विशेष प्रावधान किए जाएं ताकि इन वरिष्ठ नागरिकों को आवश्यक राहत मिल सके।

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खुशहाल पेंशनर्स देश की संपत्ति

खुशहाल और स्वस्थ पेंशनर्स न केवल अपनी सेवानिवृत्ति के बाद समाज के लिए मूल्यवान होते हैं, बल्कि वे देश की संपत्ति भी हैं। दुनिया के कई लोकतांत्रिक देश पेंशनर्स के कल्याण के लिए कई पहल करते हैं, लेकिन भारत में इस दिशा में प्रगति की दर काफी धीमी है। यह समय है कि भारतीय सरकार भी इस मामले में ठोस कदम उठाए।

पेंशनर्स की विषम स्थिति पर भारतीय लोकतंत्र की चुनौती

भारत, जो कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, उसे अपने पेंशनभोगियों की दुर्दशा पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। जहां एक ओर सरकारी सेवानिवृत्त पेंशनर्स अनेक विशेषाधिकारों और लाभों का आनंद उठा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर EPS-95 योजना के तहत आने वाले पेंशनभोगी आर्थिक संघर्षों से जूझ रहे हैं। इस असमानता को दूर करने का यह सही समय है। सरकार को इन वंचित पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान करते हुए उन्हें भी एक सम्मानजनक और गरिमापूर्ण जीवन देने का प्रयास करना चाहिए।

पेंशनर्स के कल्याण हेतु आवश्यक कदम

पेंशनर्स के जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए सरकारी नीतियों में संशोधन और विशेष प्रावधानों की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इस वर्ष के बजट में पेंशनर्स के लिए आवंटित फंड को बढ़ाने का प्रस्ताव है, ताकि उन्हें आर्थिक रूप से अधिक स्थिरता प्रदान की जा सके।

  • उचित पेंशन निर्धारण: पेंशन की राशि को जीवन यापन की वास्तविक लागत के अनुसार समायोजित करना चाहिए, जिससे पेंशनर्स को आर्थिक संकट से मुक्ति मिल सके।
  • स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार: पेंशनर्स को स्वास्थ्य सेवाओं की सुगमता और मुफ्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि वे एक स्वस्थ और आनंदमय जीवन जी सकें।
  • सामाजिक सुरक्षा का मजबूतीकरण: पेंशनर्स को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में शामिल किया जाना चाहिए जिससे उन्हें समाज में एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवनयापन सुनिश्चित हो सके।

आंदोलन और मांगें

EPS-95 पेंशनभोगियों ने 6, 7 और 8 अगस्त 2024 को दिल्ली में संसद के सामने धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। उनकी मांग है कि उन्हें 9000 रुपये पेंशन और महंगाई भत्ता (DA) दिया जाए। जब तक उनकी ये मांगें पूरी नहीं होतीं, वे सरकार पर दबाव बनाए रखेंगे।

11 thoughts on “EPS-95 पेंशन वृद्धि: वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों और न्याय के लिए एक निर्णायक जीत”

  1. आज आर्थिक रूपसे देखा जाय तो लाखो वरिष्ठ नागरिकोंकी स्थिती अच्छी नहीं है| पेंशन भोगीयोंको महिना कमसे कम १०००/- की लागत दी जाती हैं जो राशी पर्याप्त नहीं है| सरकारने उनकी हालात मध्य नजर रखतेहुए पेन्शन मे बढोतरी करना जरुरी है |जिससे वे सुनिश्चित और एक सन्मानजनक जीवन जी सके |

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