हरियाणा कैबिनेट का फैसला: लोकसभा चुनाव खत्म होने के पश्चात हरियाणा सरकार की पहली मंत्री मंडल बैठक के दौरान बहुत से अहम निर्णय लिए गए। मंत्रिमंडल के द्वारा सभी पेंशनभोगी की धनराशि को वृद्धावस्था पेंशन के बराबर करने के निर्णय को मंजूरी दी गई है। इस निर्णय की मदद से पेंशनभोगियों को वृद्धावस्था पेंशन के समान भत्ता प्रदान किया जाएगा। इसके साथ-साथ जब भी आगे वृद्धावस्था पेंशन में बढ़ोतरी होगी तो उसके साथ-साथ पेंशन में भी बढ़ोतरी की जाएगी।
अब राज्य में पेंशन कम से कम 3 हजार रुपए हो चुकी है। जिसका लाभ करीब 1 लाख कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। सरकार ने मेडिकल, डेंटल, और नर्सिंग कॉलेजों में प्रोफेसरों की कमी को दूर करने के लिए संविदा संकाय सदस्यों की नियुक्ति की नीति भी मंजूर की है।
हरियाणा में सरकारी और स्थानीय निकाय संगठनों से रिटायर कई कर्मचारियों की EPF पेंशन बुढ़ापा पेंशन से कम होती है। उन कर्मचारियों को केवल १.5 से 2 हजार रुपए की पेंशन प्रदान की जाती है। वही दूसरी तरफ बुढ़ापा पेंशन वालों को 3 हजार रुपए की पेंशन प्रदान की जाती है। केवल यह ही नहीं बल्कि समय अनुसार इसमें बढ़ोतरी भी होती रहती है। भारतीय मजदूर संघ के द्वारा यह मांग की गई थी की EPF पेंशनभोगियों की पेंशन भी बुढ़ापा पेंशन के बराबर हो।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर जी के द्वारा इसकी घोषणा की गई थी। जिसके वर्तमान सरकार के द्वारा मंजूरी प्रदान कर दी गई है। संशोधन के मुताबिक सरकारी या स्थानीय निकाय संगठन या अन्य संस्थाओं से रिटायर होने वाले कर्मचारी जिनको बुढ़ापा पेंशन से कम पेंशन प्राप्त होती थी। अब उनको वृद्धावस्था के समान पेंशन प्रदान की जाएगी।