नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए EPFO (Employees’ Provident Fund Organisation) बचत का एक अच्छा ऑप्शन है. नौकरी करने वाले कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय आर्थिक सहायता देने और बचत को बढ़ाने में मददगार साबित होता है. EPFO के तहत, कर्मचारी और कम्पनी दोनों की सहमति के रूप में धनराशि जमा की जाती है. इसमें दोनों तरफ से धनराशि का 24% हिस्सा EPF अकाउंट में जमा होता है और जिसमे सरकार के द्वारा निर्धारित ब्याज दर के अनुसार निवेश राशि पर ब्याज मिलता है. अभी यह ब्याज दर 8.25% प्रति वर्ष है.
कई लोग PF के महत्व को नहीं समझते है. ईपीएफ ब्याज न केवल बुढ़ापे के समय वित्तीय सुरक्षा देता है बल्कि यह हमारी बचत और निवेश के लिए शानदार विकल्प है. अगर आप हर महीने अपनी सैलरी के पैसों को जमा करते हैं, तो आप रिटायरमेंट के समय एक बड़ी धनराशि जमा कर सकते हैं.
30 हजार की बेसिक सैलरी पर करोड़ों का रिटायरमेंट फंड कैसे बनाएं?
मान लें, एक कर्मचारी वार्षिक रूप से अपने EPF अकाउंट में 1,00,000 रुपये जमा करता है। उसके जमा की गई राशि का 24% यानी 24,000 रुपये EPF में निवेश होता है। इस पर 8.25% का ब्याज मिलता है, जिससे उसके अकाउंट में ब्याज के रूप में 1,980 रुपये जुड़ते हैं। ऐसा हर साल होता है, जिससे उसकी बचत धीरे-धीरे बढ़ती जाती है।
30,000 रूपये पर ऐसे बनाए करोड़ों का रिटायरमेंट फंड
- माना कर्मचारी की आयु 30 वर्ष है.
- रिटायरमेंट की आयु -60 वर्ष
- बेसिक सैलरी -30,000 रूपये
- कर्मचारी की ओर से योगदान -12% (30,000 * 12% = ₹3600)
- कंपनी का योगदान – 3.67% (30,000 * 3.67% = ₹1101)
- PF पर ब्याज -8.25 % सालाना
- कुल मासिक योगदान: ₹3600 + ₹1101 = ₹4701
- वार्षिक योगदान- 4701 * 12 = ₹56,412
- कुल जमा: वार्षिक योगदान * सेवा अवधि
- कुल जमा: ₹56,412 * 30 = ₹16,92,360
- ब्याज- ₹43,02,252.53
- रिटायरमेंट फंड- कुल जमा + ब्याज
- टोटल रिटायरमेंट फंड: ₹16,92,360 + ₹43,02,252.53
- कुल रिटायरमेंट फंड: ₹59,94,612.53
जैसे की हमने बताया कि कर्मचारी की आयु 30 वर्ष है, जिसकी बेसिक सैलरी 30,000 रूपये प्रति माह है और उस पर उसका 12% योगदान है. जब वह 60 वर्ष की आयु में रिटायर होता है, तो वह लगभग 59.95 करोड़ का रिटायरमेंट फंड जमा कर सकता है।
ये गणना केवल अनुमानित है, रिटायरमेंट फंड कई चीजों पर निर्भर करना है जैसे -बेसिक सैलरी, ब्याज दर आदि।