
Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार ने जब UPS (Unified Pension Scheme) का अनाउंसमेंट किया था, तब ऐसा लग रहा था कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट के वक्त उनकी अंतिम 12 महीने की बेसिक के औसत का 50% पेंशन + DA के रूप में मिलेगी। लेकिन अधिसूचना जारी होने के बाद स्थिति कुछ और ही नजर आ रही है।
अधिसूचना में स्पष्ट लिखा है कि पूरी पेंशन का लाभ उन्हीं को मिलेगा जिनकी 25 साल की सर्विस पूरी हो चुकी है और उनके 10% अंशदान में किसी भी प्रकार की रुकावट ना हुई हो। साथ ही, यह भी जरूरी है कि कर्मचारी ने कभी भी अपने अंशदान को निकाला ना हो। यदि इन शर्तों को पूरा किया गया हो तभी पूर्ण पेंशन का लाभ दिया जाएगा।
UPS को लेकर भ्रम और उनका उत्तर
25 साल की सेवा और 10% नियमित अंशदान की शर्त
यदि कर्मचारी ने 25 साल तक 10% नियमित अंशदान किया है, तो उन्हें अंतिम 12 महीनों की बेसिक सैलरी के औसत का 50% पेंशन प्राप्त होगा। हालांकि, यदि VRS (Voluntary Retirement Scheme) लिया जाता है, तो पेंशन 60 वर्ष की आयु के बाद ही मिलेगी।
यदि 25 साल की सेवा पूरी नहीं होती है, तो कर्मचारियों को अनुपातिक पेंशन मिलेगी। उदाहरण के लिए, 20 साल की सेवा पर 40% पेंशन, लेकिन यह तभी मिलेगा जब अंशदान में कोई रुकावट ना हुई हो।
10 साल की सेवा के लिए न्यूनतम पेंशन
यदि किसी कर्मचारी ने 10 साल तक अंशदान किया है, तो उन्हें 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन मिलेगी। इस दौरान कोई चूक नहीं होनी चाहिए।
अंशदान की जब्ती और एकमुश्त राशि
कर्मचारी का अंशदान रिटायरमेंट के वक्त जब्त किया जाएगा, और उन्हें एक लम्पसम राशि दी जाएगी।
अंतिम वेतन के बेसिक + DA का 10%, कुल सेवा वर्षों को दो से गुणा कर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए:
यदि किसी कर्मचारी का अंतिम मूल वेतन 45,000 रुपये है और DA 53%, तो कुल वेतन 68,850 रुपये होगा।
68,850 × 1/10 = 6,885 रुपये
यदि कर्मचारी की सेवा 10 साल की है, तो इसका दुगना 20 लिया जाएगा।
6,885 × 20 = 1,37,700 रुपये एकमुश्त राशि के रूप में दिए जाएंगे।
50% पेंशन का सच
कर्मचारी को 50% पेंशन लेने के लिए अपने पूरा अंशदान सरेंडर करना पड़ेगा। केवल अंतिम मूल वेतन का 1/10 हिस्सा दिया जाएगा। UPS योजना को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि 50% पेंशन असल में धोखाधड़ी से अधिक कुछ नहीं है।
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क्या हैं प्रमुख कमियां?
अधिसूचना के अनुसार, UPS योजना में कई कमियां हैं:
- वेतन आयोग का कोई जिक्र नहीं: इस योजना में वेतन आयोग का उल्लेख नहीं किया गया है।
- सेवानिवृत्ति के बाद वृद्धिवृद्धि का अभाव: कर्मचारियों को सेवा के बाद पेंशन वृद्धि की कोई सुविधा नहीं दी गई है।
- “पेंशन” शब्द का उपयोग नहीं: इसे “निश्चित भुगतान” के रूप में बताया गया है, न कि पेंशन योजना के रूप में।
कर्मचारी वर्ग को ज्यादा उम्मीदें
UPS योजना को लेकर जो भी उम्मीदें कर्मचारी लगा रहे थे, वे अब गलत साबित हो रही हैं। इसे ‘पेन्शन’ नहीं बल्कि ‘निश्चित भुगतान’ कहा गया है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है। इस योजना के तहत कर्मचारियों को अधिक ध्यान देने और अपने विकल्पों को समझने की आवश्यकता है।