केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि पर जोर देते हुए तीन नई रोजगार-संवर्धन प्रोत्साहन (ELI) योजनाओं की घोषणा की है। ये योजनाएं विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उत्पन्न करने और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं।
1. श्रम-प्रधान उद्योगों के लिए योजना
सरकार ने कपड़ा, परिधान, खिलौने, और चमड़े के सामान जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को लक्षित करते हुए एक ELI योजना की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य नई नौकरियों का सृजन करने वाले व्यवसायों को कर राहत और वेतन सब्सिडी प्रदान करना है, जिससे ‘जॉबलैस ग्रोथ’ की समस्या को हल किया जा सके और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। एमएसएमई क्षेत्र, जो बड़ी संख्या में कार्यबल को रोजगार देता है, इस पहल से काफी लाभान्वित होने की उम्मीद है।
2. पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन:
सरकार ने पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में रोजगार उत्पन्न करने की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन शामिल किए हैं। पर्यटन में नौकरियां सृजन करने वाली कंपनियों को कर क्रेडिट और कौशल विकास कार्यक्रमों के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, सरकार नियामक बाधाओं को कम करने की योजना बना रही है, जिससे व्यवसायों का विस्तार करना आसान हो जाएगा।
3. डिजिटल और तकनीकी-चालित रोजगार वृद्धि
बजट में तकनीकी उद्योग, विशेषकर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और डिजिटल बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन शामिल किए गए हैं। उन कंपनियों को कर लाभ और सब्सिडी मिलेगी जो बड़ी संख्या में कर्मचारियों की भर्ती करती हैं और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे एआई, ड्रोन, और फिनटेक में कौशल विकास में निवेश करती हैं। यह भारत को डिजिटल नवाचार और विनिर्माण के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
ये योजनाएं सामूहिक रूप से बेरोजगारी का समाधान करने, व्यवसायों को अपने कार्यबल का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित करने, और रोजगार अनुकूल वातावरण तैयार करके भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने का उद्देश्य रखती हैं।