PF Irregularity Claim: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने JCT Limited द्वारा प्रबंधित एक ट्रस्ट के खिलाफ कदम उठाया है, जो फगवाड़ा और होशियारपुर में स्थित JCT मिल्स के कर्मचारियों के भविष्य निधि का प्रबंधन कर रहा है। यह प्रक्रिया कर्मचारियों की शिकायतों और संगठन द्वारा किए गए ऑडिट के बाद आरंभ की गई है।
ऑडिट में उजागर हुई चूकें
EPFO के क्षेत्रीय आयुक्त, पंकज कुमार ने खुलासा किया कि 2022-23 के लिए किए गए अनुपालन ऑडिट के दौरान, जेसीटी लिमिटेड, फगवाड़ा और होशियारपुर की इकाइयों ने EPF अंशदान जमा करने में बड़ी चूक की। इस गड़बड़ी के परिणामस्वरूप, EPFO ने EPF और एमपी अधिनियम, 1952 की धारा 7ए के तहत बकाया राशि निर्धारित करने के लिए जांच शुरू की। यह जांच अब पूरी हो चुकी है, और 2023-24 के लिए नई अनुपालन ऑडिट की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
कर्मचारियों की शिकायतें
दोनों मिलों के कर्मचारियों से EPFO को दावों के निपटान में देरी की शिकायतें मिलीं, जिससे ट्रस्ट की जांच को और गति मिली। कर्मचारियों का भविष्य निधि जेसीटी लिमिटेड द्वारा प्रबंधित एक छूट प्राप्त ट्रस्ट के हाथों में है, जिसकी प्रबंधनीयता पर अब प्रश्नचिन्ह लग गया है।
उपाय और नियंत्रण
इस संदर्भ में, EPFO ने जेसीटी लिमिटेड से संबंधित बैंकों को निर्देश दिया है कि वे क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त की मंजूरी के बिना ट्रस्ट के किसी भी बॉन्ड या प्रतिभूतियों को न बेचें। इस कदम से भविष्य निधि राशि की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
छूट रद्दीकरण की प्रक्रिया
क्षेत्रीय आयुक्त के अनुसार, जेसीटी लिमिटेड ने EPF योजना, 1952 के पैराग्राफ 27AA की शर्तों का उल्लंघन किया है। इस उल्लंघन के चलते, तीसरे पक्ष के ऑडिट के माध्यम से छूट रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। यदि संस्था स्वेच्छा से छूट छोड़ने के लिए आवेदन करती है, तो EPFO उसे संभाल लेगा और सुनिश्चित करेगा कि सभी EPF से संबंधित मुद्दे शीघ्रता से हल हो जाएं।
निष्कर्ष
EPFO की यह कार्रवाई JCT Limited के लिए एक सबक है और अन्य संस्थानों के लिए एक चेतावनी है कि कर्मचारियों के भविष्य निधि के प्रबंधन में लापरवाही या चूक बरतने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह उन कंपनियों के लिए भी एक अहम संदेश है जो भविष्य निधि के नियमों का पालन नहीं करते हैं।