OROP Update: 1 जुलाई 2024 से केंद्र सरकार ने वन रैंक वन पेंशन (OROP-3) योजना के तहत पेंशन में संशोधन का ऐलान किया था। इसके तहत, रक्षा मंत्रालय ने 4 सितंबर 2024 को एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें पेंशन की नई दरों के साथ-साथ दो महीनों के एरियर्स की भी घोषणा की गई थी।
यह पेंशन संशोधन उन सभी पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और अन्य पात्र व्यक्तियों के लिए लागू किया गया, जो 1 जुलाई 2024 को पेंशन प्राप्त कर रहे थे। हालांकि, पूर्व सैनिकों का एक बड़ा वर्ग इस संशोधन से असंतुष्ट है, खासकर निचले रैंक के जवान, जिन्हें पेंशन में मामूली या कोई बढ़ोतरी नहीं मिली।
देश में भूतपूर्व सैनिकों का योगदान
OROP योजना उन सभी सैन्य कर्मियों पर लागू होती है जो सेना, नौसेना, वायु सेना, प्रादेशिक सेना और रक्षा सुरक्षा कोर से रिटायर हुए हैं। देश में लगभग 26 लाख भूतपूर्व सैनिक और लगभग 7 लाख वीर नारियां हैं जो इस योजना में लाभ पाने की उम्मीद रखते हैं।
असंतोष के कारण
हालांकि, कई पूर्व सैनिक OROP-3 के तहत हुई मामूली बढ़ोतरी से नाराज हैं। जोरहाट, असम के रहने वाले ऑनरी कैप्टन लक्षी नाथ सैकिया का उदाहरण इस असंतोष को स्पष्ट करता है। उन्होंने 33 साल से अधिक की सेवा दी, लेकिन OROP-3 के तहत उनकी पेंशन में कोई उल्लेखनीय बढ़ोतरी नहीं हुई। उन्हें 01 जुलाई 2024 से कोई संशोधन नहीं मिला, और स्पर्श पोर्टल से उन्हें संदेश मिला कि उनकी मौजूदा पेंशन पहले से अधिक है, इसलिए कोई बदलाव नहीं किया गया।
एक अन्य मामला पू्र्व सैनिक समित्तर सिंह का है, जिनकी पेंशन में केवल एक रुपये की बढ़ोतरी हुई है। उन्हें 17,475 रुपये की पेंशन मिल रही थी, जो संशोधन के बाद मात्र 17,476 रुपये हुई। इस मामूली वृद्धि से उनका और उनके परिवार का उत्साह पूरी तरह से टूट गया। इसी प्रकार, भारतीय नौसेना से रिटायर्ड पूर्व जवान अखिल राय की पेंशन में केवल 206 रुपये की बढ़ोतरी हुई, जिससे वे भी निराश हैं।
एयर वेटरंस को मिला नुकसान
एयर वेटरंस के लिए स्थिति और भी जटिल हो गई है। OROP-3 के तहत, उनकी पेंशन में संशोधन करते समय MACP (मॉडिफाइड एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन) को ध्यान में नहीं रखा गया, जिससे उनकी पेंशन में निचले रैंक पर संशोधन हुआ। जबकि OROP-1 और OROP-2 में यह ध्यान रखा गया था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, जिससे एयर वेटरंस को बड़ा नुकसान हुआ है।
वीर नारियों की पेंशन में बदलाव नहीं
वीर नारियों के परिवार भी इस संशोधन से संतुष्ट नहीं हैं। त्रिपुरा की वीरनारी रंजना शर्मा के पुत्र ने शिकायत की कि उनकी मां की फैमिली पेंशन में कोई वृद्धि नहीं हुई है, और स्पर्श पोर्टल पर शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला।
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल गुरप्रकाश सिंह विर्क के अनुसार, अग्निवीर योजना और पेंशन लाभों को सीमित करने की नीति से साफ है कि सरकार सैन्य पेंशन खर्चों को कम करना चाहती है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि 2020 से 2022 तक कोई नई भर्ती नहीं की गई, जिससे सेना की संख्या में कटौती हुई है।