OPS-UPS: केंद्र सरकार ने हाल ही में ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (UPS) की घोषणा की है, जिसका मकसद राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS) में सुधार करना और पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के बजाय एक नई पेंशन योजना प्रस्तुत करना है। इस नई योजना का संकल्प लेते हुए सरकार ने उसे अधिक समावेशी और व्यापक बनाने की कोशिश की है, लेकिन इस प्रयास से कर्मचारी संगठनों में तीव्र प्रतिक्रिया और विरोध को भड़का गया है।
कर्मचारी संगठनों ने किया प्रदर्शन
अनेक कर्मचारी संगठनों ने इस नई योजना को अपनाने के पूर्व ही इसके खिलाफ विरोध का सिलसिला शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की इस नीति पर उनकी आपत्ति मुख्य रूप से इस बात पर है कि यह नई पेंशन योजना पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) की जगह लेने में असमर्थ है, जिसे कर्मचारियों ने अधिक सुरक्षित और लाभकारी माना है
देश भर के कर्मचारी और अर्धसैनिक बलों के जवानों का कहना है कि नई पेंशन योजना उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा को संतोषजनक ढंग से सुनिश्चित नहीं कर पा रही है। इस नई योजना के तहत कटौती की गई राशि सरकार द्वारा एकत्रित की जा रही है, जिससे कर्मचारियों के पेंशन फंड में वृद्धि नहीं हो पा रही है।
पुरानी पेंशन बहाली प्राथमिक मांग
इस नई योजना के खिलाफ कर्मचारी संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि पुरानी पेंशन योजना की बहाली उनकी प्राथमिक मांग है और वे इसे वापस लाने के लिए व्यापक रूप से आंदोलन कर रहे हैं।
विपक्षी दलों के साथ गठबंधन
UPS के विरोध में विजय कुमार बन्धु और अन्य कर्मचारी नेताओं ने विपक्षी दलों के साथ गठबंधन बनाने की रणनीति अपनाई है, ताकि इस नई योजना को वापस करवाने में अधिक प्रभावी हो सकें। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर सक्रिय अभियान चलाया है, जिससे अधिकतम जनसमर्थन प्राप्त कर सकें।
इस प्रकार, केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना ने व्यापक विरोध की आग को हवा दी है, और अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस विरोध का सामना कैसे करेगी। कर्मचारी संगठनों की एकजुटता और दृढ़ संकल्प से यह स्पष्ट है कि वे अपनी मांगों को लेकर किसी भी प्रकार की समझौता करने के मूड में नहीं हैं