भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। हाल ही में, NPS में सुधार के लिए टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में गठित कमिटी की रिपोर्ट की समीक्षा से पहले, केंद्र सरकार ने कर्मचारी संघटनों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक के दौरान, पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे संघटन ने स्पष्ट किया कि वे OPS की हूबहू बहाली की बजाय, एक समर्पित और प्रभावी पेंशन व्यवस्था पर सहमत हैं, भले ही वह OPS के समान न हो।
मौजूदा स्थिति और प्रस्ताव
कर्मचारी संघटनों ने अंतिम बेसिक वेतन का 50% गारंटीड पेंशन की मांग की है, और इसके साथ-साथ न्यूनतम पेंशन और फैमिली पेंशन की सुरक्षा की भी इच्छा जताई है। केंद्र सरकार ने इन प्रस्तावों पर सहमति दी है और एक अलग कोष की स्थापना का आश्वासन दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को 10% अंशदान देना होगा, और PFRDA एक्ट 2014 पहले की तरह लागू रहेगा।
सरकार ने कर्मचारी संगठनों को मीडिया में कोई भी बयान देने से मना कर दिया है, जब तक कि कमिटी अपनी अंतिम रिपोर्ट नहीं पेश करती। इस बीच, सरकार की समिति अगले कुछ दिनों में अपनी सिफारिशों को लेकर रिपोर्ट पेश करने वाली है।
संघटनों की प्रतिक्रियाएँ
कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंप्लाइज एंड वर्कर्स ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्हें OPS से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। उनका कहना है कि NPS की समाप्ति और गारंटीकृत OPS की बहाली उनके लिए अनिवार्य है। इसी तरह, अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ने बैठक का बहिष्कार किया है और कहा है कि कर्मचारियों को हूबहू OPS की आवश्यकता है।
वहीं, कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि जिन लोगों ने अब तक OPS आंदोलन में कोई योगदान नहीं किया है, वे अब सरकार की दलाली में लगे हुए हैं और अन्य कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं।
OPS और NPS में अंतर और चुनौतियाँ
OPS और NPS के बीच प्रमुख अंतर यह है कि OPS में पेंशन को वेतन आयोग द्वारा समय-समय पर संशोधित किया जाता है, जबकि संशोधित NPS में यह सुविधा नहीं है। इसका मतलब है कि, जबकि पुराने OPS में रिटायरमेंट के बाद पेंशन में वृद्धि होती है, नए NPS में यह वृद्धि नहीं होगी।
इसके अलावा, NPS के अंतर्गत 10% अंशदान कर्मचारियों की कमाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे सरकार के द्वारा संशोधित किया गया है। कई कर्मचारी यह मानते हैं कि इस व्यवस्था में उनकी जमा की गई राशि का पूरा लाभ उन्हें नहीं मिलेगा। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 30 साल तक NPS के तहत 6000 रुपये प्रति माह अंशदान करता है, तो उसकी कुल राशि 50 लाख रुपये से अधिक हो सकती है, लेकिन वास्तविक पेंशन बहुत कम हो सकती है।
अंत में, अनुकंपा वाले, पूर्व सैनिक, और अनुबंधित कर्मचारियों को भी संशोधित NPS के तहत न्यूनतम पेंशन मिलने की बात की जा रही है, जबकि OPS में इन्हें पूर्ण पेंशन प्राप्त होती थी।
What would be the amount fixing as NPS pension if A Government Servant serves only 22 years service?
पुरानी पैंशन योजना हमारा हक्क है और वह हमे मिलना ही चाहिए।