हाल के दिनों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (CAPFs) में पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) की बहाली की मांग ने संसद में जोर पकड़ लिया है। यह मुद्दा मानसून सत्र में प्रमुखता से उठाया गया, जिसमें समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव और रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रमुख भूमिका निभाई।
सांसदों की मांगें
सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने सदन में जोर देकर कहा कि अर्धसैनिक बलों के जवान बॉर्डर पर शहादत दे रहे हैं, इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब वह OPS की बात करती थी, लेकिन अब सरकार में रहते हुए इस पर कोई चर्चा नहीं कर रही है।
वहीं, सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए 100 दिन के अवकाश की मांग की और सभी राज्यों में सैनिक कल्याण बोर्ड की तर्ज पर राज्य अर्धसैनिक बोर्ड के गठन की भी वकालत की।
पुरानी पेंशन बहाली की आवश्यकता
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल्स शामिल हैं, जिनके जवान देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संसद भवन की रक्षा भी यही बल करते हैं। इसके बावजूद, इन्हें पुरानी पेंशन स्कीम से वंचित किया गया है।
सरकारी रुख और कानूनी स्थिति
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि कर्मियों को पुरानी पेंशन देने का कोई विचार नहीं है। वहीं, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने भी संसद में यही बात दोहराई थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले साल अपने एक अहम फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना था और NPS को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही थी। अदालत ने कहा था कि इन बलों के जवान और अधिकारी पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आने चाहिए। हालांकि, केंद्र सरकार ने इस फैसले को लागू नहीं किया और सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लिया।
अन्य संगठनों का समर्थन
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में OPS लागू कराने के लिए अब दूसरे कर्मचारी संगठनों का भी समर्थन मिल रहा है। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (NJCA) और नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) जैसे संगठनों ने इस मुद्दे पर अपनी आवाज बुलंद की है।
निष्कर्ष
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों की पुरानी पेंशन की बहाली की मांग न सिर्फ न्यायसंगत है, बल्कि उनकी सेवाओं और बलिदान को मान्यता देने का भी एक तरीका है। सरकार को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और इन्हें पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में लाना चाहिए, ताकि इन बलों के जवानों और उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
Old pension