नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय (MoD) ने “वन रैंक, वन पेंशन” (OROP) योजना के संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिससे लगभग 30 लाख सेवानिवृत्त सैनिकों और उनके परिवारों को लाभ होगा। MoD ने वेतन वृद्धि के लिए एक नया फार्मूला सुझाया है, और इसके बारे में औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को संसद में पेश होने वाले आगामी केंद्रीय बजट सत्र में या उससे पहले की जा सकती है।
संशोधन के प्रमुख बिंदु:
- समान पेंशन: OROP योजना के तहत, एक विशेष रैंक पर सेवानिवृत्त हुए पूर्व पेंशनरों की पेंशन को 2023 के सेवानिवृत्त लोगों के आधार पर पुनर्निर्धारित किया जाएगा। समान सेवा अवधि और रैंक वाले पेंशनरों को 2023 में सेवानिवृत्त होने वालों के समान पेंशन मिलेगी।
- मंत्रिमंडल की मंजूरी: MoD ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी के लिए एक नोट भेजा है।
- पहला संशोधन: OROP योजना का पहला संशोधन 2019 में आदेशित हुआ था और 2022 में लागू किया गया था।
2014 से लागू है OROP
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में रक्षा बलों और पारिवारिक पेंशनरों (मृत सैनिकों की विधवाओं या नाबालिग बच्चों) के लिए OROP को लागू करने का निर्णय लिया था। 7 नवंबर 2015 को एक नीति पत्र जारी किया गया और OROP को 1 जुलाई 2014 से लागू किया गया।
नीति पत्र में यह उल्लेख किया गया था कि भविष्य में पेंशन को हर पांच साल में पुनर्निर्धारित किया जाएगा। प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य पूर्व सेवानिवृत्त कर्मियों की पेंशन को वर्तमान मानकों के साथ संरेखित करना है, जिससे समान रैंक और सेवा अवधि वाले सभी कर्मियों को समान पेंशन मिले।
Agar 2024 ko base mana jaye to 2016 se pehle retire ko koi bhi faida nahi hoga.
Respected Officers retiring after 58 yrs in age are enjoying OROP benifits whereas Jawan JCO who all are being released from Armed forces in young age after 15 to 23 yrs service giving very less pension not being passed OROP benifits correctly…need investigation n corrective actions.. Rest upto govt. My best wishes.. Rgds
When OROP has been sanctioned and policy made by the Government, Orders passed by the Supreme Court of India why create a delay? Apparently the Government’s intention remains unchanged and opposed to the welfare of ESM.
OROP छोड़ो सभी पूर्व सैनिक को एक सरकारी नौकरी मिलना चाहिए । ताकि वह बाकी जिंदगी सही गुर्जरसके 35, 40 साल का बीच में उम्र का बीच रास्ता भटक जाता ।सिविल में उनको कुछ समझ में नहीं आता।फौज में जाकर फौजी जैसा ही चलता है सिविलियन उसको पूरे फायदा लेता सरकार इसके बारे में ध्यान नहीं देता। तुरंत एक नौकरी सरकारी दे देना चाहिए।