Budget 2024: केंद्र सरकार इस वर्ष का पूर्ण बजट प्रस्तुत करने के लिए तैयार है, जिसमें कई महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल होने की संभावना है। इनमें सबसे प्रमुख घोषणा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए हो सकती है, जहां कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में न्यूनतम वेतन सीमा में संभावित वृद्धि का प्रस्ताव रखा जा सकता है।
वर्तमान में, केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में न्यूनतम वेतन की सीमा 15,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 25,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। यह प्रस्ताव श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया है और इसकी घोषणा 23 जुलाई को पेश होने वाले बजट में की जा सकती है।
संशोधन की तैयारी
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा दायरे को बढ़ाना है, जो पिछले दस वर्षों में पहली बार होगा। पिछली बार यह वृद्धि 1 सितंबर 2014 को की गई थी, जब न्यूनतम वेतन सीमा को 6,500 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया था।
अन्य संस्थाओं में वेतन सीमा
इसके अतिरिक्त, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में पहले से ही न्यूनतम वेतन की सीमा 21,000 रुपये है, जो 2017 से लागू है। इससे EPF और ESIC के बीच वेतन सीमा के मानकों में सामंजस्य बनाने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
EPF योगदान की प्रक्रिया
वर्तमान में, EPF खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों वेतन और महंगाई भत्ता का 12-12 प्रतिशत का योगदान देते हैं। इसमें कर्मचारियों का पूरा योगदान भविष्य निधि खाते में जमा होता है, जबकि नियोक्ता का 8.33 प्रतिशत योगदान कर्मचारी पेंशन योजना में और 3.67 प्रतिशत पीएफ खाते में जमा किया जाता है।
यदि न्यूनतम मूल वेतन 25,000 रुपये कर दिया जाता है, तो प्रत्येक का योगदान 3,000 रुपये हो जाएगा। इस स्थिति में, नियोक्ता के योगदान में से 2,082.5 रुपये पेंशन कोष में और 917.5 रुपये पीएफ खाते में जाएंगे। इससे पीएफ योगदान में 1,200 रुपये तक की बढ़ोतरी हो जाएगी।
ESIC में पहले से ही ज्यादा
कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) में वेतन सीमा 2017 से ही 21,000 रुपये है। सरकार के भीतर यह सहमति है कि दोनों योजनाओं के तहत वेतन सीमा को समान किया जाना चाहिए। इसे ध्यान में रखते हुए, इस बजट में एक बड़े ऐलान की संभावना है।
इस प्रकार, अगर इस बजट में प्रस्तावित वेतन सीमा वृद्धि को मंजूरी मिलती है, तो यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत और आर्थिक सुरक्षा में वृद्धि का संकेत होगा। इससे कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और उनके भविष्य की योजनाओं में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।