Budget 2025 New Tax Regime Changes: केंद्र सरकार 2025 के बजट में मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी राहत देने की तैयारी में है। खासकर, New Tax Regime को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए नई टैक्स छूट और Employees Provident Fund (EPF) को सभी स्लैब्स के लिए Mandatory बनाने पर विचार किया जा रहा है।
New Tax Regime: क्या आ सकता है बदलाव?
New Tax Regime की शुरुआत 2020 में हुई थी, जिसे पुराने टैक्स सिस्टम की तुलना में सरल और सीधा बनाने के उद्देश्य से पेश किया गया था। हालांकि, शुरुआत से ही इसे टैक्सपेयर्स के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। सरकार का फोकस अब इसे और भी आकर्षक बनाने पर है ताकि अधिक लोग इसे अपनाएं।
सूत्रों की मानें तो 2025 के बजट में EPF पर टैक्स छूट और इसे New Tax Regime में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। EPF को पहले से ही पुरानी व्यवस्था के तहत सेक्शन 80C के अंतर्गत टैक्स छूट में शामिल किया गया है। लेकिन अब इसे New Tax Regime में भी बतौर अनिवार्य योगदान लाने की योजना है।
क्या है EPF को Mandatory बनाने की योजना?
सरकार Employees Provident Fund (EPF) को New Tax Regime में सभी नौकरीपेशा लोगों के लिए अनिवार्य बनाने पर विचार कर रही है। इस कदम का उद्देश्य कर्मचारियों की रिटायरमेंट प्लानिंग को सुरक्षित करना और उनके लिए बचत को आसान बनाना है।
- EPF में कर्मचारियों की सैलरी का एक निश्चित हिस्सा हर महीने PF के तौर पर जमा होता है।
- इसमें निवेश की गारंटी और सुरक्षित रिटर्न मिलता है।
- पुरानी व्यवस्था में EPF पर सरकार की तरफ से 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है।
- अगर New Tax Regime में भी EPF को अनिवार्य बनाया जाता है, तो इससे नौकरीपेशा लोगों को बड़ा फायदा होगा।
New Tax Regime: मौजूदा छूट और बदलाव की उम्मीद
New Tax Regime में 2023 में कई अहम बदलाव किए गए थे:
- बेसिक छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई।
- रिबेट के साथ टैक्स छूट की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन के तौर पर 50,000 रुपये की छूट शामिल की गई।
2025 के बजट में 80C और HRA जैसी छूट को New Tax Regime में शामिल करने की संभावना जताई जा रही है। इससे न केवल टैक्सपेयर्स की बचत बढ़ेगी, बल्कि उनकी डिस्पोजेबल इनकम यानी खर्च योग्य आय में भी इजाफा होगा।
मौजूदा टैक्स स्लैब (New Tax Regime)
- ₹0 से ₹3 लाख तक: शून्य टैक्स
- ₹3 लाख से ₹6 लाख तक: 5%
- ₹6 लाख से ₹9 लाख तक: 10%
- ₹9 लाख से ₹12 लाख तक: 15%
- ₹12 लाख से ₹15 लाख तक: 20%
- ₹15 लाख से अधिक: 30%
बजट 2025 में इस स्लैब में और बदलाव की संभावना है ताकि मध्यम वर्ग को अधिक राहत मिले।
EPF को New Tax Regime में शामिल करने के फायदे
- बचत को बढ़ावा: EPF अनिवार्य होने से नौकरीपेशा लोग रिटायरमेंट के लिए बेहतर बचत कर पाएंगे।
- टैक्स छूट का लाभ: New Tax Regime में EPF को शामिल करने से टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त टैक्स छूट का फायदा मिलेगा।
- आर्थिक सुरक्षा: EPF से जुड़े निवेश लंबे समय में कर्मचारियों के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाते हैं।
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New Tax Regime की मौजूदा चुनौतियां
New Tax Regime में अभी 80C, HRA, और 80D जैसी प्रमुख छूटें नहीं मिलती हैं, जो पुरानी व्यवस्था को अधिक आकर्षक बनाती हैं।
- टैक्सपेयर्स को बचत पर फोकस करने के बजाय खर्च पर ध्यान देना पड़ता है।
- EPF और अन्य सुरक्षित निवेश योजनाओं को New Tax Regime में जोड़कर इसे अधिक उपयोगी बनाया जा सकता है।
- फिलहाल, अधिकांश टैक्सपेयर्स अभी भी पुरानी व्यवस्था को ही चुनते हैं।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का मुख्य उद्देश्य New Tax Regime को टैक्सपेयर्स के लिए ज्यादा आकर्षक बनाना और टैक्स सिस्टम को सरल व पारदर्शी बनाना है। EPF जैसे लाभ जोड़ने से न केवल टैक्सपेयर्स की बचत बढ़ेगी, बल्कि रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।
निष्कर्ष
Budget 2025 से नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार का फोकस New Tax Regime को बेहतर बनाने और अधिक लोगों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर है। EPF को Mandatory बनाने और नई टैक्स छूट जोड़ने जैसे कदम इसे और आकर्षक बना सकते हैं। आने वाले बजट में इन योजनाओं के क्रियान्वयन से टैक्सपेयर्स को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि उनकी आर्थिक सुरक्षा भी बढ़ेगी।