ग्रामीण बैंक कर्मियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, वित्त मंत्रालय ने पेंशन से जुड़े आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। इस फैसले के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्त और बर्खास्त कर्मचारियों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा, जिससे हजारों बैंक कर्मियों को आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होगी।
वित्त मंत्रालय की पहल
सोमवार को, वित्त मंत्रालय ने देशभर के 43 ग्रामीण बैंकों के चेयरमैन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस बैठक में मंत्रालय ने पेंशन भुगतान से संबंधित आवश्यक निर्देश दिए और यह सुनिश्चित किया कि सभी पात्र कर्मियों को पेंशन का लाभ मिले।
ग्रामीण बैंक पेंशन रेगुलेशन 2018 के अनुसार, 1 अप्रैल 2018 से उन सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को पेंशन प्रदान की जा रही थी, जो 1 अप्रैल 2010 से पहले सेवा में थे। लेकिन अब, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, पेंशन रेगुलेशन 2018 के तहत 1 नवंबर 1993 से पात्र कर्मियों को पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के इस महत्वपूर्ण फैसले में यह स्पष्ट किया गया है कि ग्रामीण बैंक के उन कर्मियों को भी पेंशन का लाभ मिलेगा, जिन्हें पहले पेंशन से वंचित रखा गया था। इसके तहत सेवानिवृत्त, मृत, अनिवार्य सेवानिवृत्त, त्याग पत्र देने वाले, बर्खास्त, पेंशन विकल्प पत्र न दे पाने वाले, या पीएफ की राशि न लौटाने वाले सभी कर्मी शामिल हैं।
कौन हैं पात्र?
इस नए निर्देश के बाद निम्नलिखित श्रेणियों के कर्मचारियों को पेंशन का लाभ मिलेगा:
- सेवानिवृत्त कर्मचारी: जो 1 नवंबर 1993 के बाद सेवानिवृत्त हुए।
- मृत कर्मचारी: जिनके परिवार को पेंशन का लाभ मिलेगा।
- अनिवार्य सेवानिवृत्त और बर्खास्त कर्मचारी: जिन्हें सेवा से अनिवार्य रूप से हटाया गया।
- पेंशन विकल्प पत्र न दे पाने वाले: जिन्हें पहले पेंशन योजना का विकल्प नहीं चुनने के कारण पेंशन से वंचित कर दिया गया था।
पेंशन भुगतान की प्रक्रिया
इस निर्देश के अनुसार, अब पेंशन का भुगतान सीधे उन पात्र कर्मियों के बैंक खातों में किया जाएगा। पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण बैंकों को उनके कर्मियों के सेवा इतिहास की समीक्षा करनी होगी। इसके अलावा, पीएफ की राशि न लौटाने वाले कर्मियों के मामलों में भी राहत दी गई है, ताकि वे भी पेंशन का लाभ उठा सकें।
यह कदम ग्रामीण बैंक कर्मियों के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जिन्हें अब तक पेंशन से वंचित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश और वित्त मंत्रालय के नए निर्देश से यह सुनिश्चित होगा कि सभी पात्र कर्मियों को समय पर और न्यायपूर्ण पेंशन मिले, जिससे उनके वृद्धावस्था की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।