मोदी सरकार निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के पेंशन फंड की वेतन सीमा बढ़ाने की तैयारी कर रही है, जिससे पेंशन में योगदान और रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा में सुधार होगा। वर्तमान में पेंशन फंड के लिए वेतन सीमा ₹15,000 है, जिसे बढ़ाकर ₹21,000 करने का प्रस्ताव है। इस कदम से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को पेंशन में अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा।
पेंशन फंड सीमा में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
हाल ही में सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन फंड सीमा को बढ़ाने की योजना पर विचार करना शुरू किया है। इस बढ़ोतरी से कर्मचारियों का पेंशन योगदान बढ़ेगा, जो उनकी सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक स्थिरता को मजबूत करेगा।
इस प्रस्ताव को EPFO और श्रम मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय को अप्रैल 2024 में भेजा गया था। यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो यह लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो वर्तमान में सीमित पेंशन लाभ पा रहे हैं।
पेंशन में वृद्धि और इसके लाभ
पेंशन फंड की सीमा ₹21,000 होने से निजी क्षेत्र में काम करने वाले अधिक कर्मचारी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) और कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के दायरे में आएंगे। इससे उनका पेंशन योगदान बढ़ेगा और सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन राशि में भी वृद्धि होगी। इससे कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलेगी।
इस कदम का लाभ केवल अधिक पेंशन पाने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे कर्मचारियों को एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य की उम्मीद भी मिलेगी। यह उन लाखों कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार होगा, जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा की चिंता करते हैं।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की मंजूरी
इसके साथ ही, 24 अगस्त 2024 को मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दी है। इससे पेंशन में योगदान और लाभों में सुधार की संभावना है। यूपीएस से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी लाभान्वित होने की उम्मीद है, जो पेंशन सुरक्षा में वृद्धि का रास्ता खोलेगा।
EPFO पर पेंशनरों का आक्रोश
वहीं दूसरी ओर, EPS 95 पेंशन योजना के पेंशनरों का गुस्सा भी बढ़ रहा है। पेंशनर्स का आरोप है कि उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मिलने वाली पेंशन अपर्याप्त है। पेंशनर्स अब सोशल मीडिया पर अपनी मांगों को जोर-शोर से उठा रहे हैं, जिसमें वे अपनी जमा राशि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। EPFO और सरकार पर इन पेंशनरों की समस्याओं का समाधान करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
EPFO की पेंशन फंड सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे उनके पेंशन में योगदान और रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा में सुधार होगा।
हालांकि, EPS 95 के पेंशनरों की मांगों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह पेंशनरों की समस्याओं का जल्द समाधान करे, ताकि वे भी अपने भविष्य के लिए आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस कर सकें।