EPS 95 Higher Pension: हाल ही में EPS 95 हायर पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जिसमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की भूमिका और पेंशनभोगियों के हितों से जुड़े मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। EPS 95 पेंशनभोगियों के लिए उच्च पेंशन का भुगतान अब तक पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है, और इसके कारण कई पेंशनभोगियों को नुकसान हो रहा है। खासकर उन पेंशनर्स को, जिन्होंने डिमांड लेटर के अनुसार आवश्यक राशि जमा कर दी है, लेकिन EPFO पेंशन चालू नहीं कर पाया है। ऐसे पेंशनभोगी अब अपनी जमा राशि पर ब्याज के लिए दावा कर सकते हैं।
ब्याज के लिए क्लेम करने का अधिकार
अगर आपने उच्च पेंशन के लिए आवेदन किया है और EPFO ने आपके मामले में मांग पत्र जारी करने में देरी की है, तो आपको ब्याज का दावा करने का अधिकार है। EPFO उन पेंशनभोगियों पर देय अंशदान पर ब्याज वसूल रहा है, जिनके मामले लंबित हैं, जबकि पेंशनभोगियों को उनकी राशि का ब्याज नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति कई पेंशनर्स के लिए चिंता का विषय बन गई है।
EPS 95 के तहत 17A पेंशन का भुगतान
EPS 95 पेंशन योजना के तहत सभी पूर्ण दावे, जो अपेक्षित शर्तों के साथ प्रस्तुत किए गए हैं, आयुक्त द्वारा बीस दिनों के भीतर निपटाए जाने चाहिए। अगर किसी दावे में कोई कमी पाई जाती है, तो उस कमी को भी लिखित रूप में दर्ज किया जाएगा और पेंशनभोगी को सूचित किया जाएगा।
पेंशन में देरी पर 12% दंडात्मक ब्याज का दावा
अगर आयुक्त बिना किसी पर्याप्त कारण के बीस दिनों के भीतर पूर्ण दावे का निपटान नहीं कर पाते हैं, तो वे 12 प्रतिशत की दर से दंडात्मक ब्याज के लिए उत्तरदायी होंगे। यह ब्याज उस अवधि के लिए लागू होगा, जिसके दौरान पेंशन का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि पेंशनभोगी ने सभी दस्तावेज और शर्तें पूरी कर दी थीं।
कानूनी दृष्टिकोण
कई पेंशनर्स, जैसे तपन कुमार दास, ने सोशल मीडिया पर EPS 95 पेंशन योजना के तहत ब्याज का दावा करने के कानूनी तरीके साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि मांग पत्र जारी करने में देरी से पेंशनभोगियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है और उन्हें कानूनी रूप से धारा 17A के तहत ब्याज का दावा करना चाहिए।
निष्कर्ष
EPS 95 हायर पेंशन का मामला पेंशनभोगियों के लिए एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। EPFO की देरी से पेंशनभोगियों को वित्तीय नुकसान हो रहा है, और उन्हें कानूनी रूप से ब्याज का दावा करने का अधिकार है। पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे इस मामले में सक्रिय रहें और आवश्यक कानूनी कदम उठाएं ताकि उन्हें उनकी देय राशि के साथ उचित ब्याज भी मिल सके।
यह स्थिति EPFO और पेंशनभोगियों के बीच संवाद और पारदर्शिता की आवश्यकता को भी उजागर करती है। सरकार और संबंधित अधिकारी इस दिशा में कदम उठाकर पेंशनभोगियों के हितों की रक्षा कर सकते हैं।