EPFO Rules: इस स्थिति में PF से पैसे निकालने पर देना पड़ सकता है 30% टैक्स, जाने पीएफ निकासी के नए नियम

नए ईपीएफ निकासी नियम 2024 के अनुसार, निरंतर रोजगार में रहने पर सेवानिवृत्ति से पहले भविष्य निधि नहीं निकाली जा सकती। बेरोजगारी पर, कुछ शर्तों के साथ, पूर्ण निकासी संभव है। निकासी पर टैक्स के सख्त नियम हैं।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO Rules: इस स्थिति में PF से पैसे निकालने पर देना पड़ सकता है 30% टैक्स, जाने पीएफ निकासी के नए नियम

देश में संगठित क्षेत्र (Organized Sector) के कर्मचारियों के लिए, प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) की बचत उनके आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है। विशेष रूप से, भविष्य निधि की यह रकम उन्हें आपातकालीन स्थितियों में वित्तीय सहारा प्रदान करती है। भारतीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में निकासी के नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है, जिससे कर्मचारियों की निवेश और कर योजना पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

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EPF निकासी के नए नियम 2024

पहले, EPF सदस्य विशेष परिस्थितियों में अपनी जमा राशि का आंशिक उपयोग कर सकते थे, जैसे कि मेडिकल इमरजेंसी, उच्च शिक्षा के लिए फीस भुगतान, या आवास खरीदने के लिए। हालांकि, नए नियमों के अनुसार, अगर व्यक्ति निरंतर रूप से रोजगार में बना रहता है, तो वह सेवानिवृत्ति से पहले अपनी भविष्य निधि नहीं निकाल सकता।

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यह नियम उन परिस्थितियों के लिए भी लागू होता है जब कर्मचारी नौकरी खो देता है, तब वह एक महीने की बेरोजगारी के बाद अपने EPF का 75% और दो महीने के बाद 100% निकाल सकता है।

निकासी पर कर के प्रावधान

EPF से पैसा निकालने पर कर के नियम पहले की तरह काफी सख्त हैं। यदि खाताधारक ने पांच साल तक योगदान दिया है, तो उसे निकासी पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना पड़ता। लेकिन, अगर निकासी से पहले पांच साल पूरे नहीं हुए हैं और राशि ₹50,000 से अधिक है, तो उस पर 10% का TDS लगेगा यदि पैन कार्ड उपलब्ध हो। बिना पैन कार्ड के यह टैक्स बढ़कर 30% हो जाता है।

निष्कर्ष

EPFO के नए निकासी नियमों का उद्देश्य संभवत: निधि को और अधिक सेवानिवृत्ति-केंद्रित बनाना है, जिससे कर्मचारियों को उनके सेवानिवृत्ति के दौरान वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जा सके। फिर भी, इसमें कुछ जटिलताएँ और चुनौतियाँ भी शामिल हैं, खासकर जब टैक्स की दरें और निकासी की शर्तें काफी कड़ी होती हैं।

इसलिए, कर्मचारियों को चाहिए कि वे अपने वित्तीय नियोजन के दौरान इन नियमों को ध्यान में रखें और संभव हो तो विशेषज्ञ की सलाह लें।

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