9000 रुपए की गारंटीड पेंशन! क्या प्राइवेट जॉब वालों को भी मिलेगा फायदा? EPFO से जुड़ी बड़ी खबर

9000 रुपए की गारंटीड पेंशन को लेकर सरकारी स्कीम के बाद प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों में भी उम्मीद जागी है। EPFO की EPS योजना में फिलहाल न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए है, जिसे बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। आने वाली CBT बैठक इस दिशा में बड़ा मोड़ ला सकती है।

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Written by Rohit Kumar

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9000 रुपए की गारंटीड पेंशन! क्या प्राइवेट जॉब वालों को भी मिलेगा फायदा? EPFO से जुड़ी बड़ी खबर

9000 रुपए की गारंटीड पेंशन को लेकर हाल ही में केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) की घोषणा की है, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस योजना के तहत वे सरकारी कर्मचारी जिन्हें 25 साल की सेवा पूरी हो चुकी है, उन्हें अंतिम मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन की गारंटी मिलेगी। इस घोषणा के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के बीच भी उम्मीद की किरण जगी है कि क्या उनके लिए भी ऐसा कोई लाभ आने वाला है।

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EPFO के तहत मौजूदा पेंशन स्ट्रक्चर

प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एम्प्लॉइज पेंशन स्कीम (Employees Pension Scheme – EPS) EPFO द्वारा संचालित की जाती है। फिलहाल इस स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन राशि 1000 रुपए प्रति माह है, जो सितंबर 2014 से प्रभावी है। हालांकि, वर्तमान में कर्मचारी और पेंशनर संगठनों द्वारा इस राशि को बढ़ाकर 9000 रुपए प्रति माह करने की पुरजोर मांग की जा रही है।

9000 रुपए पेंशन की मांग और बढ़ती आवाजें

EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति, जिसकी अगुवाई कमांडर अशोक राउत कर रहे हैं, लगातार सरकार से यह मांग कर रही है कि न्यूनतम पेंशन को 9000 रुपए किया जाए और पेंशनरों को DA यानी महंगाई भत्ता और स्वास्थ्य सुविधाएं मुफ्त में मिलें। हालांकि केंद्रीय बजट 2025-26 में इस मांग पर कोई ठोस घोषणा नहीं की गई, लेकिन आंदोलन और मीटिंग्स लगातार जारी हैं।

कर्मचारी संगठनों का दबाव

देशभर में कर्मचारी और पेंशनभोगी यूनियन इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हो गए हैं। मद्रास लेबर यूनियन और बी एंड सी मिल्स स्टाफ यूनियन ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात कर EPS के तहत न्यूनतम पेंशन को 9000 रुपए करने की अपील की। महाराष्ट्र के नासिक, पुणे जैसे शहरों में पेंशनभोगियों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।

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पेंशन की गणना का मौजूदा फॉर्मूला और इसका असर

वर्तमान में EPFO पेंशन की गणना कर्मचारी के पेंशन योग्य वेतन और सेवा अवधि के आधार पर करता है। पेंशन योग्य वेतन का औसत अंतिम 60 महीनों के वेतन से निकाला जाता है। गणना का फॉर्मूला है: (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) ÷ 70। उदाहरण के लिए, यदि कोई कर्मचारी 20 साल की सेवा के बाद 15,000 रुपए पेंशन योग्य वेतन लेता है, तो उसे लगभग 4285 रुपए मासिक पेंशन मिलती है।

CBT बैठक से जुड़ी संभावनाएं

EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक 28 फरवरी 2025 को प्रस्तावित है, जिसमें ब्याज दरों के साथ-साथ पेंशन सुधारों पर भी चर्चा हो सकती है। ऐसे में EPS पेंशनर्स को उम्मीद है कि शायद इस बैठक में न्यूनतम पेंशन को लेकर कोई बड़ा निर्णय सामने आए। अगर ऐसा होता है, तो यह लाखों कर्मचारियों और रिटायर हो चुके प्राइवेट सेक्टर कर्मियों के लिए राहत भरी खबर होगी।

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