
पेंशनभोगी अब लंबी प्रतीक्षा के बाद अपनी पेंशन को लेकर बड़े बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं। महाराष्ट्र के नासिक शहर में EPFO पेंशनर्स द्वारा किया गया प्रदर्शन इसके उदाहरण के रूप में सामने आया है, जिसमें उन्होंने अपनी पेंशन राशि को ₹1000 से बढ़ाकर ₹9000 प्रति माह करने की मांग की। यह आंदोलन पिछले कई वर्षों से चल रहा है और अब यह बड़ा मुद्दा बन चुका है। पेंशनभोगियों का कहना है कि ₹1000 की राशि से उनका जीवन यापन करना कठिन हो रहा है, और महंगाई के चलते यह राशि अपर्याप्त हो गई है।
EPFO के तहत पेंशनभोगियों की संख्या और राज्यवार आंकड़े
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत पेंशनर्स की संख्या में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में EPF-95 के तहत लगभग 186 संस्थान आते हैं, जिनमें करीब 80 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं। यह आंकड़ा समय के साथ बढ़ता जा रहा है, खासकर महाराष्ट्र राज्य में, जहां लगभग 18 लाख पेंशनर्स इस योजना से जुड़े हुए हैं। पेंशनभोगी संगठन के सदस्य लगातार मांग कर रहे हैं कि उनकी पेंशन राशि को बढ़ाकर ₹9000 प्रति माह किया जाए ताकि उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाया जा सके।
अब क्या है सरकार का रुख?
सरकार इस मुद्दे पर अब तक ठोस कदम उठाने में विफल रही है, लेकिन कुछ संकेत मिले हैं कि वह इस पर विचार कर सकती है। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कुछ समय पहले पेंशनभोगियों से मिलने के बाद आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों पर जल्दी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा कि वित्त मंत्री से पेंशन बढ़ोतरी को लेकर चर्चा की गई थी, लेकिन केंद्रीय बजट 2025-26 में इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। इससे पेंशनभोगियों में निराशा फैल गई है, क्योंकि वे लंबे समय से अपनी पेंशन राशि बढ़ाने की उम्मीद लगाए हुए हैं।
पेंशन के साथ अन्य मांगें भी
महाराष्ट्र में नासिक के पेंशनर्स ने केवल पेंशन बढ़ाने की मांग नहीं की, बल्कि इसके साथ-साथ महंगाई भत्ता, मुफ्त सरकारी चिकित्सा सुविधाएं, और खाद्य सुरक्षा अधिनियम में शामिल करने की भी मांग की है। उनका कहना है कि महंगाई में लगातार वृद्धि हो रही है, और सरकार को पेंशनभोगियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए यह कदम उठाना चाहिए। पेंशन की राशि में वृद्धि से उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और महंगाई के कारण जो आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है, उससे राहत मिल सकेगी।
EPFO 3.0 नया डिजिटल सिस्टम
वहीं, EPFO अपने पेंशनर्स के लिए एक नया डिजिटल सिस्टम लाने की तैयारी कर रहा है। इस प्रणाली का नाम ‘EPFO 3.0’ होगा, जो पेंशनभोगियों के लिए बैंकिंग सुविधाओं के समान होगा। इस सिस्टम के तहत पेंशनर्स को EPFO से संबंधित लेन-देन में आसानी होगी, और वे ATM से अपने प्रॉविडेंट फंड (PF) का पैसा भी निकाल सकेंगे। केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि इस नए सिस्टम से पेंशनभोगियों को डिजिटल सुविधाओं के जरिए अपनी पेंशन और अन्य लेन-देन में आसानी होगी, जिससे उनका अनुभव बहुत बेहतर होगा।
नासिक में हुए विरोध प्रदर्शन की अहमियत
नासिक के इस प्रदर्शन ने इस मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। पेंशनर्स ने सड़क पर उतरकर अपना विरोध जताया, और यह सुनिश्चित किया कि सरकार तक उनकी आवाज पहुंचे। उनका कहना है कि 15 वर्षों से वे यह मांग कर रहे हैं, और अब उनके पास संघर्ष करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है। विरोध प्रदर्शन के नेताओं का कहना है कि पेंशनभोगियों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, और सरकार को इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए।
सरकार के लिए चुनौती
सरकार के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। पेंशनभोगियों की बढ़ती संख्या और महंगाई के कारण उनकी मांगें दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही हैं। सरकार को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि पेंशनभोगियों की मांगों को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें तत्काल राहत मिले। इसके लिए सरकार को बजट में पेंशन की राशि में वृद्धि के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।
भविष्य में क्या हो सकता है?
पेंशनभोगियों की यह मांग अब व्यापक हो चुकी है, और अगर सरकार इसका समाधान नहीं निकालती, तो आने वाले समय में यह आंदोलन और तेज हो सकता है। पेंशनभोगी अब इस मुद्दे पर एकजुट होकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी। सरकार को यह समझना होगा कि पेंशनभोगियों की मुश्किलें केवल पेंशन बढ़ाने से हल नहीं होंगी, बल्कि अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उन्हें उपलब्ध करानी होंगी, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके।