कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी सोशल सिक्योरिटी स्कीम में से एक, एम्पलॉय प्राविडेंट फंड (EPF), में सरकार बड़े बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत, न्यूनतम पेंशन सीमा को मौजूदा 1,000 रुपये से बढ़ाया जा सकता है और पेंशन फंड से आंशिक निकासी (partial withdrawal) की सुविधा भी दी जाने की संभावना है। इस कदम का उद्देश्य पेंशन योजना को और भी प्रभावी और आकर्षक बनाना है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से अधिक है।
1. न्यूनतम पेंशन सीमा में वृद्धि का प्रस्ताव
न्यूनतम पेंशन सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव, पेंशनधारकों को अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में, EPFO के तहत न्यूनतम पेंशन सीमा 1,000 रुपये प्रति माह है। सरकार इस सीमा को बढ़ाकर अधिक व्यवहारिक बनाना चाहती है, ताकि रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को वित्तीय दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
2. आंशिक निकासी की सुविधा
एक बड़ा बदलाव जो प्रस्तावित है वह है पेंशन फंड से आंशिक निकासी की सुविधा। इस प्रस्ताव के तहत सब्सक्राइबर्स, पेंशन फंड से कुछ राशि को रिटायरमेंट के समय निकाल सकते हैं, जिससे वे अपनी आर्थिक योजना को बेहतर ढंग से प्रबंधित कर सकें। यह योजना, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के समान होगी, जहां सब्सक्राइबर्स को कुछ राशि को एन्युटी में निवेश करने और बाकी राशि निकालने की अनुमति दी जाती है।
3. पोर्टल के माध्यम से विड्रॉल की सुविधा
श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने EPFO के सिस्टम को मिडिल क्लास और लोअर मिडिल क्लास सब्सक्राइबर्स के लिए अधिक प्रभावी और सरल बनाने पर जोर दिया है। सरकार चाहती है कि सब्सक्राइबर्स को शादी, मेडिकल ट्रीटमेंट, या बच्चों की शिक्षा जैसे कारणों से पैसे निकालने में आसानी हो, और इसके लिए पोर्टल के माध्यम से निकासी की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
4. इन कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान
EPFO की मौजूदा योजनाओं में उन कर्मचारियों के लिए और सुधार लाने की योजना है, जिनकी मासिक आय 15,000 रुपये से अधिक है। सरकार इस श्रेणी के कर्मचारियों के लिए योजना को और आकर्षक बनाने पर विचार कर रही है, जिससे अधिक आय वाले कर्मचारी भी इसमें भागीदारी बढ़ा सकें।
5. कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के फंड का उपयोग
इसके अलावा, सरकार कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए फंड का उपयोग भी सुनिश्चित करने पर विचार कर रही है। राज्यों द्वारा वसूला गया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स का फंड अक्सर बिना उपयोग के पड़ा रहता है। मंत्रालय इस फंड का इस्तेमाल प्रॉविडेंट फंड के कॉरपस को बढ़ाने और पेंशन के लिए करने की योजना बना रहा है। राज्यों के पास इस समय लगभग 75,000 करोड़ रुपये का फंड पड़ा हुआ है, जिसे इस दिशा में इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग का विकल्प
श्रम मंत्री ने यह सुझाव दिया है कि रिटायरमेंट के समय पेंशन की राशि को लेकर कर्मचारियों को अधिक लचीला विकल्प दिया जाए, जिससे वे अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकें। इस विकल्प के तहत, सब्सक्राइबर्स सालाना मिलने वाली पेंशन राशि में बदलाव कर सकेंगे।