
Employees’ Deposit Linked Insurance यानी EDLI स्कीम में Employees’ Provident Fund Organization (EPFO) ने कई अहम बदलाव किए हैं, जो खासकर उन कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत की सांस बन सकते हैं जो अपनी नौकरी के पहले साल में या नौकरी बदलने के दौरान अचानक किसी दुर्घटना या बीमारी का शिकार हो जाते हैं। ये बदलाव केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई 237वीं सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज़ (CBT) की बैठक में मंजूर किए गए हैं।
EPFO की EDLI स्कीम में क्या है नया?
EDLI स्कीम के तहत अब यह तय कर दिया गया है कि यदि कोई EPF सदस्य नौकरी के पहले साल में ही असमय निधन का शिकार हो जाता है, तो उसके परिवार को कम-से-कम ₹50,000 का बीमा लाभ मिलेगा। पहले ऐसी स्थिति में लाभ तय नहीं था, जिससे परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ता था। इस बदलाव का सीधा फायदा हजारों परिवारों को मिलेगा।
बिना योगदान के भी मिलेगा लाभ
अब EPFO ने यह भी तय किया है कि यदि कोई कर्मचारी सेवा में रहते हुए अपनी आखिरी योगदान तिथि से छह महीने के भीतर निधन का शिकार होता है और उसका नाम अभी भी कंपनी की रजिस्टर्ड सूची में है, तो उसे EDLI स्कीम के तहत बीमा लाभ मिलेगा। पहले ऐसी स्थिति में यह लाभ नहीं मिलता था क्योंकि सदस्य को ‘आउट ऑफ सर्विस’ माना जाता था। यह बदलाव हर साल ऐसे करीब 14,000 मामलों में लाभ सुनिश्चित करेगा।
नौकरी बदलने पर भी नहीं टूटेगा सेवा का सिलसिला
अब यदि किसी कर्मचारी के दो नौकरियों के बीच एक या दो दिन (जैसे वीकेंड या छुट्टी) का गैप आ जाता है तो उसे ‘निरंतर सेवा’ के रूप में ही गिना जाएगा। यहां तक कि यदि नई नौकरी जॉइन करने में दो महीने तक का ब्रेक भी होता है, तो भी सदस्य को EDLI का न्यूनतम ₹2.5 लाख और अधिकतम ₹7 लाख तक का लाभ मिलेगा। पहले इस गैप के कारण लाभ नहीं मिल पाता था। यह सुविधा सालाना 1,000 से अधिक परिवारों को राहत देगी और कुल मिलाकर हर साल 20,000 से ज्यादा मामलों में बीमा लाभ को सुनिश्चित करेगी।
EPF निकासी की प्रक्रिया अब और आसान
EPFO ने EPF यानी Employees’ Provident Fund की निकासी प्रक्रिया को भी काफी आसान बना दिया है। अब UPI आधारित withdrawal प्रणाली पर भी काम किया जा रहा है, जिससे फंड ट्रांसफर की रफ्तार और अधिक तेज हो जाएगी।
EPF निकासी के लिए आवश्यक शर्तें
- UAN (Universal Account Number) एक्टिव होना चाहिए।
- KYC के तहत Aadhaar, PAN और बैंक खाता UAN से जुड़ा और वेरीफाई होना चाहिए।
- मोबाइल नंबर Aadhaar और UAN से लिंक होना चाहिए और OTP वेरिफिकेशन के लिए एक्टिव रहना चाहिए।
ऑनलाइन निकासी प्रक्रिया में EPFO के e-SEWA पोर्टल पर लॉगइन कर, KYC वेरिफिकेशन करने के बाद Online Services टैब से Claim Form (Form-31, 19, 10C, 10D) भरकर आप फॉर्म सबमिट कर सकते हैं। सबमिट करने के बाद आप अपने क्लेम का स्टेटस भी इसी पोर्टल पर ट्रैक कर सकते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि निकासी विशेष परिस्थितियों में ही की जा सकती है जैसे रिटायरमेंट, बेरोजगारी या कोई आपातकालीन स्थिति। UPI आधारित निकासी के लागू होने के बाद प्रक्रिया में और भी आसानी आने की उम्मीद है।