EPFO ने मई में बनाया रिकॉर्ड, अंशधारकों की संख्या 5.8% बढ़कर 9.85 लाख हुई, छह सालों में मिला सबसे ज्यादा रोजगार

मई 2024 में ईपीएफओ में नए सदस्य 5.8% बढ़कर 985,000 हुए, जिनमें 59% युवा हैं। 444,000 सदस्यों ने सदस्यता छोड़ी, जबकि 1.4 मिलियन सदस्य EPFO से बाहर होकर पुनः जुड़ गए। ईएसआई में नए पंजीकरण 1.7 मिलियन तक बढ़े।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO ने बनाया रिकॉर्ड, मई में 9.85 लाख नए सदस्यों ने कराया नामांकन

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2024 में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में नए ग्राहकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस अवधि में नए सदस्य जुड़ने की संख्या लगभग 5.8% बढ़कर 985,000 हो गई, जो अप्रैल की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है।

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सदस्यता में वृद्धि

बता दें ‘भारत में पेरोल रिपोर्टिंग: मई 2024 में रोजगार परिदृश्य’ के अनुसार, EPFO ने 737,000 पुरुष और 248,000 महिलाओं को मई में नए सदस्यों के रूप में जोड़ा। नए सदस्यों का एक बड़ा हिस्सा, जो कुल सदस्यों का लगभग 59% है, 18 से 25 वर्ष की आयु के युवा कर्मचारी थे। इस डेटा से पता चलता है कि युवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और वे संगठित क्षेत्र में शामिल हो रहे हैं।

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सदस्यता छोड़ने और पुनः शामिल होने की प्रवृत्ति

मई के दौरान लगभग 444,000 सदस्यों ने EPFO की सदस्यता छोड़ दी, जबकि उसी महीने में 1.4 मिलियन सदस्य EPFO से बाहर होकर दोबारा इसमें शामिल हो गए। यह प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि कई कर्मचारी अस्थायी रूप से EPFO छोड़कर फिर से इसके लाभों का लाभ उठाने के लिए वापस आ रहे हैं।

कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना में वृद्धि

मई के महीने में, कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) योजना में योगदान देने वाले सदस्यों की संख्या 28 मिलियन तक पहुंच गई थी। वहीं इस अवधि में, योजना के अंतर्गत नए पंजीकृत कर्मचारियों की संख्या अप्रैल के 1.2 मिलियन से बढ़कर 1.7 मिलियन हो गई।

वृद्धि के कारण

मई में सदस्यता में यह समग्र वृद्धि कई कारकों के कारण हुई है:

  • रोजगार के अवसरों में वृद्धि: आर्थिक सुधार और विभिन्न क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन के कारण अधिक लोग ईपीएफओ से जुड़ रहे हैं।
  • कर्मचारी लाभों के प्रति जागरूकता: कर्मचारी भविष्य निधि और राज्य बीमा योजना के लाभों के प्रति बढ़ती जागरूकता ने अधिक कर्मचारियों को इन योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित किया है।
  • ईपीएफओ आउटरीच कार्यक्रम: ईपीएफओ द्वारा चलाए जा रहे आउटरीच कार्यक्रमों की प्रभावशीलता ने भी सदस्यता वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

निष्कर्ष

EPFO और ESI में सदस्यता वृद्धि का यह आंकड़ा न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि का संकेत देता है, बल्कि संगठित क्षेत्र में शामिल होने वाले कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि को दर्शाता है। यह प्रवृत्ति भविष्य में भारतीय श्रम बाजार की स्थिरता और सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

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