EPFO: पीएफ कर्मचारियों की मांग, न्यूनतम मासिक पेंशन बढ़ाकर की जाए 9,000 रुपये, जानिए क्या होगी सरकार की प्रतिक्रिया

पीएफ कर्मचारी अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, जिसमें न्यूनतम मासिक पेंशन 9,000 रुपये करने की अपील की गई है। सरकार से अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं आया, लेकिन उम्मीदें बढ़ी हैं। ईपीएस-95 के तहत भी सुधार की मांग है।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO: PF कर्मचारियों की न्यूनतम मासिक पेंशन में बढोतरी की मांग, जानिए सरकार की प्रतिक्रिया

EPFO: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) कर्मचारियों के लिए आने वाले समय में एक महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है, जो उनके पेंशन लाभों में सुधार के रूप में सामने आ सकती है। लंबे समय से पीएफ कर्मचारी अपनी पेंशन राशि में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कर्मचारियों ने इस मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें न्यूनतम पेंशन को बढ़ाने की गुहार लगाई गई है।

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पेंशन में वृद्धि की आवश्यकता

वर्तमान में PF कर्मचारियों को सीमित पेंशन लाभ मिलता है, जो उनकी जीवन शैली और बढ़ती महंगाई के साथ मेल नहीं खाता। कई कर्मचारी अपनी न्यूनतम मासिक पेंशन को 9,000 रुपये तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद भी अपने जीवन यापन के खर्चों को पूरा कर सकें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार से इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है, हालांकि अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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EPS-95 योजना के तहत मांग

EPS-95 (कर्मचारी पेंशन योजना) के तहत भी पेंशनभोगियों ने अपनी मांगें रखी हैं। हाल ही में, EPS-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति ने दिल्ली में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित किया, जिसमें न्यूनतम मासिक पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये करने की मांग की गई थी। इस समिति में लगभग 7.5 करोड़ कर्मचारी और 78 लाख सेवानिवृत्त पेंशनभोगी शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने 2014 में न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये प्रति माह घोषित किया था, लेकिन यह राशि आज की आर्थिक परिस्थितियों के हिसाब से बहुत कम है। EPS-95 के तहत पेंशन को दोगुना कर 2,000 रुपये प्रति माह करने की भी मांग की गई थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस पर अभी तक कोई सकारात्मक फैसला नहीं लिया है।

पेंशन की पात्रता और प्रक्रिया

पीएफ कर्मचारियों को पेंशन पाने के लिए कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होती है, और यह पेंशन 58 साल की उम्र के बाद ही शुरू होती है। ऐसे में कई कर्मचारी अपनी पेंशन में वृद्धि की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो उनके आर्थिक भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है।

EPF और EPS के योगदान

पीएफ कर्मचारियों के वेतन का 12 प्रतिशत हर महीने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा होता है। इसके साथ ही नियोक्ता का योगदान भी दो भागों में बांटा जाता है। इसमें से 8.33 प्रतिशत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के कोष में जाता है, जबकि 3.67 प्रतिशत EPF खाते में जमा होता है।

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