
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है, जिससे उनकी पेंशन में बढ़ोतरी होने की संभावना बढ़ गई है। लंबे समय से EPS-95 आंदोलन समिति द्वारा सरकार से न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग की जा रही थी, जिस पर अब गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
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प्राइवेट कर्मचारियों की पेंशन में होगा इजाफा
EPFO द्वारा प्रस्तावित नए नियम के अनुसार, कर्मचारियों की न्यूनतम पेंशन को ₹7,500 प्रति माह तक बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल, यह ₹1,000 प्रति माह निर्धारित है, जिसे 2014 में लागू किया गया था। इसके अलावा, EPFO अब पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) जोड़ने की योजना पर भी विचार कर रहा है, जिससे उन्हें वित्तीय स्थिरता मिलेगी।
कैसे काम करता है EPF और EPS?
EPFO के तहत कर्मचारियों का 12% योगदान उनके प्रोविडेंट फंड (PF) में जमा होता है, और नियोक्ता भी इतनी ही राशि देता है। इसमें से 8.33% EPS (Employee Pension Scheme) में जाता है, जबकि शेष 3.67% EPF अकाउंट में जमा होता है। यह योजना सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को एक सुरक्षित भविष्य प्रदान करती है।
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1 जनवरी 2025 से लागू होगा नया सिस्टम
EPFO ने यह भी घोषणा की है कि 1 जनवरी 2025 से सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) लागू किया जाएगा। इससे पेंशनभोगी किसी भी बैंक की किसी भी शाखा से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे। इस नए सिस्टम से 78 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को फायदा होगा और उन्हें पेंशन प्राप्त करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
सरकार की मंजूरी बाकी, जल्द आ सकता है फैसला
हालांकि, इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए सरकार की अंतिम मंजूरी आवश्यक होगी। इस संबंध में EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की आगामी बैठक में चर्चा होगी, जहां पेंशन बढ़ोतरी और अन्य सुधारों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। यदि यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो यह प्राइवेट सेक्टर के लाखों कर्मचारियों के लिए राहत की खबर होगी।
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