EPFO Pension Scheme: कर्मचारी पेंशन योजना (Employees’ Pension Scheme – EPS) एक महत्वपूर्ण रिटायरमेंट स्कीम है, जिसे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation – EPFO) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। इस योजना का उद्देश्य ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के रिटायर्ड कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। EPS को 1995 में लॉन्च किया गया था, और यह उन सभी कर्मचारियों के लिए लागू है जिनका EPF खाता होता है।
नौकरी के दौरान भी पेंशन का विकल्प
इस योजना की खास बात यह है कि अगर कोई कर्मचारी 58 साल की उम्र के बाद भी नौकरी जारी रखता है, तो वह EPS पेंशन का हकदार होता है। इसका मतलब है कि आप नौकरी के साथ-साथ पेंशन का लाभ भी उठा सकते हैं।
EPS के तहत, नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के कॉन्ट्रीब्यूशन का हिस्सा शामिल होता है। नियोक्ता के 12% योगदान में से 8.33% EPS में और बाकी EPF में जाता है। यह योजना उन सभी कंपनियों और एस्टेब्लिशमेंट्स पर लागू होती है जिन पर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 लागू होता है।
पेंशन पात्रता और योगदान की शर्तें
EPS के तहत पेंशन पाने के लिए निम्नलिखित शर्तें होती हैं:
- कर्मचारी को कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी होगी।
- कर्मचारी की उम्र 50 साल से अधिक होनी चाहिए।
- 50 से 58 साल के बीच अर्ली पेंशन का विकल्प है, लेकिन इसमें पेंशन अमाउंट कम हो जाता है।
उदाहरण के तौर पर, यदि कोई सदस्य 55 साल की उम्र में पेंशन क्लेम करता है, तो उसे पेंशन अमाउंट का केवल 88% मिलेगा।
EPS 95 के तहत विकलांग पेंशन
EPS 95 में विकलांग कर्मचारियों के लिए भी प्रावधान है। यदि कोई कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है, तो वह विकलांग पेंशन का हकदार होता है। इसमें 10 साल की नौकरी की शर्त लागू नहीं होती।
EPS पेंशन के फायदों का विस्तार
- आर्थिक सुरक्षा: नौकरी समाप्त होने के बाद भी नियमित आय।
- विकलांगता सहायता: अप्रत्याशित परिस्थितियों में भी वित्तीय सुरक्षा।
- अर्ली पेंशन विकल्प: उम्र के अनुसार पेंशन की सुविधा।
- सामाजिक सुरक्षा: संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता।