EPFO: 10 हजार रुपये की बेसिक सैलरी से बन सकता है 1 करोड़ से अधिक का रिटायरमेंट कॉर्पस, जाने पूरी कैलकुलेशन

EPFO की प्रॉविडेंट फंड स्कीम संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प है, जिसमें नियमित योगदान और ब्याज के साथ रिटायरमेंट के लिए मजबूत वित्तीय सुरक्षा मिलती है। EPS के तहत पेंशन का भी प्रावधान है।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO: 10,000 रुपये की बेसिक सैलरी से बनेगा 1 करोड़ से अधिक का रिटायरमेंट कॉर्पस, जाने कैलकुलेशन

वर्तमान में निवेश और रिटायरमेंट के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन कर्मचारियों के लाभ और सुरक्षा के मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की पीएफ स्कीम सबसे अग्रणी मानी जाती है। इस स्कीम में न केवल जमा धनराशि पर उच्च ब्याज दर मिलता है, बल्कि यह संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और लाभकारी निवेश विकल्प भी है।

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EPFO स्कीम की कार्यप्रणाली

बता दें, EPFO स्कीम के तहत, संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% हिस्सा हर महीने प्रॉविडेंट फंड (PF) में जमा किया जाता है। इसके साथ ही, नियोक्ता भी अपनी तरफ से इसी अनुपात में योगदान करते हैं।

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हालांकि, नियोक्ता का योगदान दो भागों में बंटता है: 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में और 3.67% प्रॉविडेंट फंड में। इस प्रकार, कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान से यह स्कीम संचालित होती है, जो कि कर्मचारियों के रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत वित्तीय सुरक्षा कवच का काम करती है।

कर्मचारी पेंशन योजना (EPS)

EPS को EPFO द्वारा 1995 में लॉन्च किया गया था। यह स्कीम उन कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने कम से कम 10 वर्षों की सेवा पूरी की है। EPS के तहत, कर्मचारी को 58 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद पेंशन मिलनी शुरू होती है।

EPF के लिए आवश्यकताएं

कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद या नौकरी छोड़ने के बाद EPF खाते में जमा राशि का क्लेम कर सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्य भी इस स्कीम के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

EPF स्कीम का लाभ उठाने के लिए कर्मचारी को उस संगठन में काम करना चाहिए जहां कम से कम 20 कर्मचारी हों और जो EPFO के साथ रजिस्टर्ड हो। यदि किसी संगठन में 20 से कम कर्मचारी हैं, तो वे स्वैच्छिक रूप से EPFO के साथ पंजीकरण कराकर इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।

1 करोड़ से अधिक का रिटायरमेंट कॉर्पस

EPFO की स्कीम में अगर एक कर्मचारी 25 साल की उम्र में नौकरी शुरू करता है और 58 साल की उम्र तक काम करता है, तो वह 1 करोड़ रुपये से अधिक का रिटायरमेंट कॉर्पस जमा कर सकता है। यह कॉर्पस उसकी बेसिक सैलरी, नियोक्ता का योगदान, और EPFO द्वारा दी जाने वाली ब्याज दर पर निर्भर करता है।

EPS स्कीम के तहत पेंशन

कर्मचारी के EPS खाते में भी नियोक्ता की ओर से 8.33% का योगदान होता है, जिससे रिटायरमेंट के बाद उसे पेंशन का लाभ मिलता है। EPS के तहत विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाएँ उपलब्ध हैं, जो कुछ विशेष परिस्थितियों में कर्मचारी के परिवार के सदस्यों के लिए भी लागू हो सकती हैं।

EPFO की महत्वपूर्ण सलाह

EPFO अपने सदस्यों को सलाह देता है कि वे अपने PF खाते को बैंक खाते की तरह न समझें। यह खाता रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से होता है, इसलिए इस खाते से धनराशि तभी निकालनी चाहिए जब अत्यधिक आवश्यकता हो।

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