
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए भविष्य निधि (EPF) पर 8.25% ब्याज दर बनाए रखने का फैसला किया है। यह निर्णय EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की बैठक में लिया गया, जिससे देशभर के करोड़ों कर्मचारियों को राहत मिलेगी। सरकार की अंतिम मंजूरी के बाद यह दर EPF खातों में लागू होगी और करोड़ों खाताधारकों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
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ब्याज दरों में ऐतिहासिक बदलाव
पिछले कुछ वर्षों में EPF की ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह दर 8.1% थी, जो 1977-78 के बाद सबसे कम स्तर पर थी। इसके बाद, वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 8.15% कर दिया गया और 2023-24 में यह बढ़कर 8.25% हो गई। अब लगातार दूसरे साल इसे 8.25% पर बरकरार रखा गया है, जिससे निवेशकों को स्थिर और सुरक्षित रिटर्न सुनिश्चित हो सके।
कितने करोड़ लोगों को मिलेगा फायदा?
EPFO की इस घोषणा से 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों को सीधा लाभ मिलेगा। EPF ब्याज दरें कर्मचारियों की बचत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है। सरकार की मंजूरी के बाद यह ब्याज दर सीधे EPF खातों में जमा की जाएगी, जिससे लाखों कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता मिलेगी।
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ब्याज दर निर्धारण की प्रक्रिया
EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) हर साल वित्तीय समीक्षा के आधार पर ब्याज दरों का निर्धारण करता है। इस निर्णय को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाता है। EPF एक सुरक्षित बचत साधन है, जिसे सरकार समर्थित गारंटी प्राप्त होती है, जिससे यह एक विश्वसनीय निवेश विकल्प बना रहता है।
क्या यह ब्याज दर संतोषजनक है?
8.25% ब्याज दर बाजार की मौजूदा स्थिति और सरकारी बॉन्ड यील्ड को देखते हुए एक प्रतिस्पर्धात्मक दर मानी जा रही है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई को ध्यान में रखते हुए EPF की ब्याज दरें और बढ़नी चाहिए, जिससे कर्मचारियों की वास्तविक आय में वृद्धि हो सके।
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