NPS में केवल एक चीज जुड़ने से कर्मचारियों की हो जाएगी परेशानी खत्म, भूल जाएंगे OPS की मांग, जाने डिटेल

अगर नई पेंशन योजना (NPS) में महंगाई भत्ता जोड़ा जाए, तो यह योजना पुरानी पेंशन योजना (OPS) से बेहतर साबित हो सकती है। महंगाई से निपटने के लिए यह कदम रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

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Written by Rohit Kumar

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NPS में केवल एक चीज जुड़ने से कर्मचारी नही करेंगे OPS की मांग, जाने डिटेल

केंद्र सरकार द्वारा बीस साल पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) को समाप्त कर नई पेंशन योजना (NPS) की शुरुआत की गई थी। इस बदलाव के बाद से ही देशभर के लाखों कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। कर्मचारियों के इस असंतोष को समाप्त करने के लिए सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) पेश की, लेकिन यह भी कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।

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वर्तमान में, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर NPS में एक विशेष सुधार किया जाए, तो यह योजना कई मायनों में OPS से भी बेहतर साबित हो सकती है।

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NPS की सबसे बड़ी खामी क्या है?

नई पेंशन योजना (NPS) के तहत, कर्मचारी और सरकार के योगदान से तैयार किए गए फंड का 60% रिटायरमेंट के समय एकमुश्त दिया जाता है, जबकि शेष 40% राशि से एक एन्युटी प्लान खरीदना अनिवार्य होता है। इस एन्युटी से मिलने वाले ब्याज को 12 हिस्सों में बांटकर कर्मचारी को मासिक पेंशन दी जाती है। समस्या यह है कि यह पेंशन राशि तय रहती है और महंगाई के साथ नहीं बढ़ती।

उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी को 60 साल की उम्र में 50,000 रुपये पेंशन मिलती है, तो यही राशि उसे 70 या 80 साल की उम्र में भी मिलेगी, जब तक कि एन्युटी की ब्याज दर में बढ़ोतरी न हो।

महंगाई के प्रभाव का डर

महंगाई दर हर साल औसतन 5-6% की दर से बढ़ती है, लेकिन NPS में सरकार महंगाई भत्ता (DA) नहीं देती है। इसका मतलब यह है कि समय के साथ पेंशन की क्रय शक्ति कम होती जाएगी। इसके अलावा, अगर एन्युटी की ब्याज दर घट जाती है, तो पेंशन राशि भी घट सकती है, जिससे रिटायरमेंट के बाद का जीवन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कर्मचारियों को इस बात का सबसे ज्यादा डर है कि उनकी पेंशन महंगाई का मुकाबला करने में असमर्थ होगी।

इस समस्या का समाधान क्या हो सकता है?

इस समस्या का एक संभावित समाधान यह है कि सरकार NPS में भी महंगाई भत्ते का प्रावधान करे। इससे कर्मचारियों की पेंशन महंगाई के साथ बढ़ती रहेगी और रिटायरमेंट के बाद उनकी जीवनशैली पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कदम NPS को अधिक स्थिर और लाभकारी बना सकता है।

क्यों NPS हो सकती है OPS से बेहतर?

अगर नई पेंशन योजना (NPS) में महंगाई भत्ता शामिल कर दिया जाए, तो यह पुरानी पेंशन योजना (OPS) से भी अधिक लाभप्रद हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, OPS की तुलना में NPS में रिटायरमेंट पर बड़ी रकम एकमुश्त मिलती है क्योंकि इसमें कर्मचारी और सरकार दोनों का योगदान शामिल होता है।

हर महीने कर्मचारी की सैलरी का 10% और सरकार का 14% जमा होता है, जिस पर सालाना लगभग 9 से 10% ब्याज भी प्राप्त होता है। नतीजतन, 25-30 वर्षों की सेवा में लगभग 2.5 से 3 करोड़ रुपये का फंड तैयार हो जाता है, जिसका 60% यानि लगभग 1.80 करोड़ रुपये रिटायरमेंट पर मिलता है। यह OPS में संभव नहीं है क्योंकि इसमें कर्मचारी का कोई वित्तीय योगदान नहीं होता।

निष्कर्ष

अगर NPS में महंगाई भत्ता जोड़ा जाता है, तो यह योजना न केवल कर्मचारियों के विरोध को समाप्त कर सकती है, बल्कि OPS से बेहतर विकल्प बन सकती है। इससे रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और कर्मचारियों की पेंशन महंगाई के साथ तालमेल बनाए रखेगी। यह एक सुधारात्मक कदम होगा, जो कर्मचारियों और सरकार दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

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