पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का बडा फैसला! पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के द्वारा पेंशन धारकों को राहत देते हुए एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अब आपको रिटायरमेंट के बाद पेंशन प्राप्त करने के लिए 15 वर्षों का लंबा इंतजार करने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं है। क्योंकि अब हाइकोर्ट के आदेश के अनुसार अब कर्मचारी को रिटायरमेंट के 12 वर्षों के बाद ही पूर्ण पेंशन का भुगतान किया जाएगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस फैसले के बारे में और पेंशन बेचने के फायदे और नुकसान।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
याचिकाकर्ता के वकीलों ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत की थी कि इंटरेस्ट रेट कम होने से उनकी रिकवरी समाप्त हो चुकी है और उन्हें पूरी पेंशन का भुगतान मिलना चाहिए। इसके बाद हाईकोर्ट ने इनकी सभी दलीलों को को ध्यान में रखते हुए यह फैसला दिया है की 15 वर्षों के बाद रिकवरी करने की शर्त को खारिज कर दिया जाए। इसलिए हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कम्यूटेशन की रिकवरी को 15 वर्षों से घटाकर 12 वर्ष कर दिया गया है।
पांचवें वेतन आयोग ने की थी सिफारिश
इस बारे में पाँचवें वेतन आयोग के द्वारा भी पूरी सिफारिश की गई थी। इसलिए ही कम्यूटेशन की रिकवरी को 15 वर्षों से घटाकर 12 वर्ष कर दिया गया है। इस प्रकार का निर्णय लेकर सभी पेंशनधारकों को काफी राहत प्राप्त होगी। इसके बाद उन्हें अधिक समय के लिए इंतजार करने की आवश्यकता नहीं होगी।
पेंशन बेचने से फायदा है या नुकसान
जब भी कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है, तो उन सभी कर्मचारियों के पास अधिकतर यह विकल्प होता है की वह अपनी पेंशन के एक हिस्सा बेच सकते है। इस प्रक्रिया को कम्युटेशन के नाम से जाना जाता है। यह उन सभी कर्मचारियों को एक साथ बड़ी राशि प्राप्त करने का मौका प्रदान करती है। लेकिन इसके साथ-साथ उनकी पेंशन में कटौती भी होती है। जो की 15 वर्षों तक चलती है। लेकिन जब से हाईकोर्ट के द्वारा फैसला सुनाया गया है की हाईकोर्ट के निर्णय के बाद इसका समय सीमा 12 साल तक हो जाएगा।
पारिवारिक पेंशन से नहीं होती है कटौती
आप सभी को यह भी बता दे की अगर कोई पेंशनधारक कम्युटेशन करवाने के पश्चात उसकी मृत्यु हो जाती है। तो ऐसी स्थिति में उनके परिवार की पेंशन में कटौती नहीं की जाएगी। अगर ऐसा होता है तो ऐसे में उनके परिवार को पूरी पेंशन प्रदान की जाती है।
महंगाई भत्ते का भुगतान
कम्युटेशन करवाने के बाद पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता भी प्रदान किया जाता है। जो कि उनकी मूल बेसिक पेंशन के ऊपर दिया जाता है। इसकी वजह से उनकी पेंशन की धनराशि में बढ़ोतरी होती है। जो की उनको आर्थिक रूप से थोड़ा मजबूत बनाने में मदद करती है।
इंकम टैक्स में मिलती है राहत
अगर कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के दौरान अपनी पेंशन का एक हिस्सा बेचता है तो उसको उसकी वजह से इनकम टैक्स की माफी भी प्रदान की जाती है। इसके साथ ही इस प्रक्रिया की वजह से पेंशन में कटौती भी की जाती है। जिससे उनके द्वारा देय टैक्स भी कम होता है।
पेंशन बेचने के नुकसान
पेंशन बेचने के बहुत से नुकसान भी होते है। जिनमें से मुख्य नुकसान यह होता है की उसे बेचने पर सरकार को ब्याज के रूप में अधिक धन देना पड़ता है। इसके साथ-साथ यह प्रक्रिया पेंशन धारकों को वित्तीय असुविधा भी प्रदान करती है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अब सभी पेंशनधारकों को 12 वर्षों के बाद आधिकारिक रूप से इस ऑप्शन का लाभ उठाने का मौका मिलेगा।
पेंशन बेचने का फायदा यह भी है की कर्मचारी को एक मोटी धनराशि प्राप्त होती है। इस पैसे को अच्छे खासे इंटरेस्ट रेट पर निवेश करके आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है। अगर ऐसे में पेंशन धारक की मृत्यु हो जाती है तो इस निवेश का पूरा पैसा माफ हो जाता है। इसके बाद परिवार को पूरी पेंशन प्रदान की जाती है। इसलिए पेंशन बेचना एक बेहतरीन विकल्प भी हो सकता है।