CGHS News: CGHS कार्ड धारकों के लिए बड़ा अपडेट! बदले गए नियम, सरकारी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद बदलाव

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए CGHS में बड़ा सुधार – 70 साल से ऊपर वालों को बिना रेफरल इलाज, इमरजेंसी में सीधा एडमिशन और गंभीर बीमारियों के लिए लंबी अवधि की सुविधा। क्या आपकी मेडिकल सुविधा अब पहले से बेहतर होने जा रही है? जानिए सभी बदलाव इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में!

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Written by Rohit Kumar

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CGHS यानी Central Government Health Scheme से जुड़े लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 2025 की शुरुआत एक बड़ी राहत लेकर आई है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नए निर्देशों के अनुसार, CGHS कार्डधारकों को अब इमरजेंसी में इलाज के लिए रेफरल की आवश्यकता नहीं होगी। इसके साथ ही, रेफरल की वैधता अवधि और विशेषज्ञ परामर्श से जुड़ी कई अहम व्यवस्थाओं में भी संशोधन किया गया है, जिससे लाभार्थियों को अधिक सुलभ और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।

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इमरजेंसी में इलाज हुआ सरल

नए नियमों के तहत अब CGHS कार्डधारक पैनल में शामिल अस्पतालों में इमरजेंसी स्थिति में बिना रेफरल या एंडोर्समेंट के सीधे इलाज करवा सकेंगे। जरूरत बस इतनी है कि अस्पताल इलाज करने वाले डॉक्टर से एक इमरजेंसी सर्टिफिकेट जारी कराए, जिसे बीसीए पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि जीवनरक्षक इलाज में होने वाली देरी भी रुकेगी।

रेफरल मेमो की वैधता अब तीन महीने

CGHS में रेफरल की प्रक्रिया को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया है। अब यदि किसी CGHS मेडिकल ऑफिसर द्वारा किसी विशेषज्ञ के लिए रेफरल मेमो जारी किया जाता है, तो वह तीन महीने तक वैध रहेगा। इस अवधि में लाभार्थी एक ही विशेषज्ञ से छह बार तक परामर्श ले सकता है। यदि जरूरत हो तो प्राथमिक विशेषज्ञ की सलाह पर दो अन्य विशेषज्ञों से भी परामर्श लिया जा सकेगा।

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70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को मिली बड़ी छूट

CGHS में उम्रदराज लाभार्थियों के लिए सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ है कि अब 70 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले पेंशनर्स या कर्मचारी किसी भी सूचीबद्ध अस्पताल में बिना रेफरल सीधे विशेषज्ञ से परामर्श और इलाज करा सकते हैं। चाहे वह किसी भी जांच या प्रक्रिया से जुड़ा हो, उन्हें इसकी अनुमति स्वतः प्राप्त होगी। केवल उन्हीं जांचों या प्रक्रियाओं के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होगी जो CGHS की सूची में नहीं आतीं।

लंबी बीमारी वालों को मिलेगी फॉलो-अप में राहत

कुछ विशेष बीमारियों जैसे हार्ट सर्जरी के बाद की स्थिति, अंग प्रत्यारोपण, न्यूरो सर्जरी, एंड स्टेज किडनी डिजीज, कैंसर, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के मामले में अब रेफरल की अवधि या संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। ऐसे रोगियों को लगातार फॉलो-अप परामर्श और आवश्यक जांच की अनुमति उनके पहले रेफरल के आधार पर ही मिलती रहेगी।

CGHS को बदलने की योजना

जनवरी 2025 में यह भी खबर सामने आई थी कि सरकार CGHS की जगह एक नई स्वास्थ्य बीमा योजना “Central Government Employees and Pensioners Health Insurance Scheme (CGEPHIS)” लाने पर विचार कर रही है। यह योजना IRDAI से रजिस्टर्ड बीमा कंपनियों के माध्यम से संचालित की जा सकती है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है, लेकिन संकेत हैं कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक आधुनिक और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही है।

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