नई दिल्ली – संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त के बीच चलेगा, जिसमें देश का आम बजट पेश किया जाएगा। केंद्रीय और सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों के लिए यह बजट खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें उनके वित्तीय योजनाओं और जीवन स्तर को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं हो सकती हैं।
बजट की अहमियत
केंद्रीय और सरकारी कर्मचारियों के लिए बजट यह निर्धारित करता है कि उनके वेतन, भत्ते और पेंशन में क्या बदलाव होंगे। यह बजट उनकी दैनिक जिंदगी को प्रभावित करता है, क्योंकि इसमें महंगाई भत्ते (DA) और अन्य वित्तीय लाभों की घोषणा की जा सकती है। इसी कारण, बजट का बेसब्री से इंतजार रहता है। बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को यह बजट पेश करेंगी।
अंतरिम बजट और यूनियन बजट का फर्क
इस बजट से पहले इसी साल 1 फरवरी 2024 को वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट पेश किया था। आमतौर पर एक साल में एक ही बार बजट पेश किया जाता है, लेकिन लोकसभा चुनाव वाले साल में दो बार बजट पेश होता है। चुनाव से पहले पेश किए जाने वाले बजट को अंतरिम बजट कहा जाता है, जबकि नई सरकार के गठन के बाद पेश किए जाने वाले बजट को यूनियन बजट कहा जाता है।
वित्त मंत्री की उपलब्धि
निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को लगातार सातवीं बार बजट पेश करेंगी, जिससे वह मुरार जी देसाई के छह बजट के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी। मुरार जी देसाई ने वित्त मंत्री रहते हुए लगातार छह बार बजट पेश किया था।
आठवें वेतन आयोग की घोषणा की उम्मीद
इस बार के बजट से केंद्रीय और सरकारी कर्मचारियों को बड़ी उम्मीदें हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहला बजट होगा, और इसमें केंद्र सरकार देश के 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा तोहफा दे सकती है। संभावना है कि सरकार बजट में आठवें वेतन आयोग की घोषणा कर सकती है।
सातवें वेतन आयोग की समीक्षा
कई कर्मचारी समितियां बार-बार केंद्र सरकार से मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और दूसरे बेनिफिट्स में बदलाव करने के लिए आठवां वेतन आयोग बनाने की मांग कर रही हैं। केंद्रीय वेतन आयोग आमतौर पर हर 10 साल में गठित किया जाता है और यह महंगाई और अन्य महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखते हुए सिफारिशें करता है। सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी 2014 को किया था, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं। माना जा रहा है कि अगला वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा, हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक इस मोर्चे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
पेंशनभोगियों की उम्मीदें
पेंशनभोगियों को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। वे चाहते हैं कि उनकी न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की जाए और महंगाई भत्ता (DA) को भी बढ़ाया जाए। पेंशनभोगियों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए सरकार कुछ महत्वपूर्ण कदम उठा सकती है।
बजट से आम लोगों की उम्मीदें
केंद्र सरकार के 1 करोड़ से अधिक कर्मचारी और पेंशनर्स के साथ-साथ आम लोग भी इस बार के बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में उनके जीवन को आसान बनाने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करेगी।
इस प्रकार, संसद का बजट सत्र 2024 एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें सरकार के वित्तीय योजनाओं और नीतियों की घोषणा की जाएगी। केंद्रीय और सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों की निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं, जो उनके आर्थिक भविष्य को निर्धारित करेगा।
वित्त मंत्री जी आशा है कि अपने इस बजट में ई पी एस 95 के पेंशनर्स की पेंशन वृद्धि हेतु अवश्य ही ध्यान रखा होगा।कृपया बजट जारी करने से पूर्व एक बार इन वृद्ध पेंशनर्स की और पुनः देख लीजिएगा ताकि ये छूटने न पाए आपको ये लोग बहुत दुआ देंगे इनका आशीर्वाद आपके साथ है। धन्यवाद।