
8th Pay Commission यानी 8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी आर्थिक उम्मीद बनकर सामने आ रहा है। हाल ही में चर्चा में आया है कि इस आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) में बदलाव संभव है, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी-Salary में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। 7वें वेतन आयोग में जिस तरह से वेतन ढांचे में बदलाव किया गया था, उसी प्रकार 8वें आयोग से भी बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं।
Fitment Factor बढ़ने की बड़ी खबर आई
फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) होता है जिससे वर्तमान मूल वेतन (Basic Pay) को नए वेतन ढांचे में परिवर्तित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 निर्धारित किया गया था, जिससे न्यूनतम मूल वेतन ₹7,000 से बढ़कर ₹18,000 हो गया था। इसी सिद्धांत के आधार पर अब 8वें वेतन आयोग में भी संभावित बदलाव की अटकलें लगाई जा रही हैं।
8वें वेतन आयोग में संभावित बदलाव और वेतन वृद्धि के अनुमान
अगर 8वें वेतन आयोग में भी 2.57 का ही फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹18,000 से सीधा ₹46,260 तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही न्यूनतम पेंशन भी ₹9,000 से बढ़कर ₹23,130 हो सकती है। यह बदलाव कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार ला सकता है।
वहीं अगर सरकार Fitment Factor को बढ़ाकर 2.86 कर देती है, तो न्यूनतम वेतन ₹51,480 तक पहुंच सकता है, जो कि लगभग 186% की बढ़ोतरी मानी जाएगी।
इसके विपरीत, अगर सरकार 1.92 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो न्यूनतम वेतन ₹34,560 तक जाएगा, जो करीब 92% की वृद्धि होगी।
इसलिए Fitment Factor का स्तर सीधे तौर पर कर्मचारियों की सैलरी पर व्यापक असर डालता है, और इसके प्रत्येक अंश का फर्क हजारों रुपयों में होता है।
8वें वेतन आयोग के लागू होने की समय-सीमा
7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 1 जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग को लागू किया जा सकता है। हालांकि, सरकार की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और कुछ रिपोर्ट्स इस प्रक्रिया में संभावित देरी की भी बात कर रही हैं। लेकिन कर्मचारी संगठनों और विशेषज्ञों की लगातार मांग से इस दिशा में गति आने की संभावना बन रही है।