73 साल का बूढ़ा प्रधानमंत्री बने और पेंशनधारक कर्मचारी भूखे मरें!

संजय सिंह ने राज्यसभा में पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखे हमले किए। उन्होंने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने पेंशन धारक कर्मचारियों की मांगों को अनसुना कर दिया है और उनके भविष्य को असुरक्षित बना दिया है।

rohit

Written by Rohit Kumar

Published on

73 साल का बूढ़ा प्रधानमंत्री बने और पेंशनधारक कर्मचारी भूखे मरें!

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पुरानी पेंशन बहाली की मांग को जोर-शोर से उठाया। संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 73 साल की उम्र में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की जा रही है, जबकि लाखों कर्मचारी सड़कों पर पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं।

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

संजय सिंह ने अपने वक्तव्य में पेंशन बजट में कटौती का मुद्दा उठाते हुए कहा, “इस सरकार ने पेंशन का बजट 5.20 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। प्रधानमंत्री को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना है, लेकिन देश के युवा, किसान, और कर्मचारी आज भी सड़कों पर बैठे हैं। उनकी परवाह नहीं की जा रही है।”

हमारे व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के वादों को लेकर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने 10 साल पहले 20 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। बेरोजगार युवाओं को पकौड़ा तलने और पान की दुकान लगाने की सलाह दी गई। अब सेना में 4 साल की नौकरी का विकल्प दिया जा रहा है।”

संजय सिंह ने सरकार की इंटर्नशिप और ट्रेनिंग योजनाओं की आलोचना करते हुए कहा, “आप 4000 की ट्रेनिंग देने की बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसी कोई कंपनी नहीं है जो 4000 ट्रेनी रख सके। यह केवल एक जुमला है।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगली योजना ‘भीख मांगो योजना’ हो सकती है, जिसमें युवाओं को कटोरे बांटकर भीख मांगने के लिए कहा जाएगा।

उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को फिर से जोरदार तरीके से उठाया और कहा कि NPS(नेशनल पेंशन सिस्टम) में सुधार की बात कहकर कर्मचारियों की मांग को टाला जा रहा है। “हमारे पेंशन धारक कर्मचारी एनपीएस नहीं चाहते, वे पुरानी पेंशन योजना की बहाली चाहते हैं। एनपीएस में उनके भविष्य को शेयर मार्केट के भरोसे छोड़ा जा रहा है।”

25 thoughts on “73 साल का बूढ़ा प्रधानमंत्री बने और पेंशनधारक कर्मचारी भूखे मरें!”

  1. प्रधानमंत्री जी ,
    बुजुर्गोंकी ईपीएस पेन्शन में बढोत्री हो ऐसी सोच कृति में सुकून से शांती शिस्त समाधान मिलेन , ऐसी करनी करें नर का नरेंद्र है ही ,ये शाबित हो जाऐ… धन्यवाद जी.

    प्रतिक्रिया
  2. वाह मोदी जी वाह अपने मन की बात हर महीने सुनाते हो परंतु रिटायर्ड फौजियों के मन की बात आप समझते ही नहीं न तो 18 महीने का एरियर और न ही सही ओ र ओ पी

    प्रतिक्रिया
  3. Regarding EPS pensioners they are being neglected and thrown like a BEE from the milk. Now a days many benefits are declared for all the pensioners but not for EPS 95 Pensioners like: special in increament, double salary, hike in the pension, medical insurance, D.A., etc. and other benefits. I don’t know why this partialness with EPS 95 pensioners? It is surprised, when Modi government was in opposition they were asking to increase minimum pension 3000/- as 1000/- ls very-very less for survival of EPS 95 Pensioners, if that time Government became agree and implement, now after that survival cost of every thing is increased in the Geometrical ratio, even then Modi government being a ruling party should resolve this matter for the EPS pensioners in the national interest and solicited to disclose surprise action.

    प्रतिक्रिया
  4. Mananiy sabhi sansad ganon ko namaste vipaksh Halla gulla chhod sansad mein kaarvayi ke dauran pension ka Mudda uthae to Sarkar ko avashya jhukana padega parantu vipaksh ha hokar ke walk out kar jata hai apni pension ka Mudda hota hai to turant house mein pahunch jaate Hain aur apne pension badwa lete Hain parantu X paramilitary javanon ka koi khyal nahin jabki Desh ke har aadami ki Suraksha Bal karne ki kripa Karen Jay Hind

    प्रतिक्रिया
  5. प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि ईपीएफ 95 एम 7500/कब से करेंगे 10 साल से ला रहे हैं क्या कर्मचारी के मरने के बाद बहुत से गुजर भी गए हैं 4 4 पेंशन ले ने वाले विधायक पार्षद मंत्री की चिंता

    प्रतिक्रिया
  6. It is our moral right to get monthly pension of rs 7500/- plus DA as applicable. Since the employees deposit the amount from their salary @8.33% in EPFO account which accumulates the huge amount after long service,the total sum in unrefundable to the employees after retirement and gives hand to mouth pension of rs.1000/- which is inadequate for livelihood. The pension is given in form of interest accrued from principle sum which is collected by the EPFO duting service period. What a asheme for the employees. No govt.is opening eyes.

    प्रतिक्रिया

Leave a Comment

हमारे Whatsaap चैनल से जुड़ें