कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) क्षेत्रीय कार्यालय शिमला द्वारा हाल ही में केंद्रीय सरकार द्वारा शुरू की गई नई रोजगार लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य औपचारिक क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता राकेश कुमार, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, शिमला ने की, जिन्होंने इस मौके पर योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी।
रोजगार सृजन में सरकार की भूमिका
इस कार्यक्रम के दौरान राकेश कुमार ने बताया कि सरकार रोजगार सृजन के क्षेत्र में सक्रिय कदम उठा रही है, विशेषकर औपचारिक क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए बनाई गई योजनाएं न केवल नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देंगी, बल्कि संगठित क्षेत्र में नए कर्मचारियों को जोड़ने में भी मददगार साबित होंगी।
इस संदर्भ में, EPFO एक प्रमुख कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है, जो इन योजनाओं को लागू करने और लाभार्थियों तक उनका लाभ पहुँचाने का कार्य करेगा।
रोजगार लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं का विवरण
राकेश कुमार ने रोजगार लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य विशेषकर पहली बार रोजगार प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को समर्थन प्रदान करना है। इसके तहत, उन कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जो EPFO में पहली बार पंजीकरण कर रहे हैं और जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये तक है।यह प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा तीन किश्तों में सीधे कर्मचारियों के बैंक खातों में जमा की जाएगी।
नियोक्ताओं के लिए प्रोत्साहन
राकेश कुमार ने इस योजना में नियोक्ताओं के योगदान पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दी जा रही यह प्रोत्साहन राशि नियोक्ताओं को नए कर्मचारियों को भर्ती करने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इस योजना के तहत, नियोक्ताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा, जिससे वे अधिक से अधिक नए कर्मचारियों को अपनी कंपनियों में जोड़ सकेंगे। यह पहल न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाएगी, बल्कि संगठित क्षेत्र को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
आर्थिक विकास और रोजगार में वृद्धि
इस कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि रोजगार लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाएं देश की आर्थिक वृद्धि और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। यह योजना संगठित क्षेत्र में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ औपचारिक रोजगार को भी बढ़ावा देगी, जिससे दीर्घकालिक सामाजिक और आर्थिक लाभ हो सकते हैं। इस तरह की योजनाएं देश के युवाओं के लिए एक सशक्त भविष्य की नींव रखने में सहायक हो सकती हैं।