पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में पंजाब सरकार के लिए महत्त्वपूर्ण आदेश जारी किया है कि वह राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को छठे वेतन आयोग के अंतर्गत 119% महंगाई भत्ते के साथ चार महीने के भीतर एरियर का भुगतान करे। यह फैसला 32 याचिकाओं के निपटान में आया है और कर्मचारियों के लंबे संघर्ष के बाद सामने आया है।
छठे वेतन आयोग का विवाद
पंजाब सरकार ने जुलाई 2021 में, छठे वेतन आयोग को लागू किया, जिसके बाद कई कर्मचारियों का वेतन कम हो गया था। कर्मचारियों के संघर्ष के फलस्वरूप, सरकार ने सितंबर 2021 में वेतन आयोग में संशोधन कर घोषणा की कि 31 दिसंबर 2015 को मिलने वाले वेतन में 1 जनवरी 2016 से 15% की वृद्धि की जाएगी।
हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
हाईकोर्ट ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2015 से 31 दिसंबर 2015 तक 119% की दर से गणना की गई थी और 1 जनवरी 2016 से इसे अचानक 113% करना तर्कसंगत नहीं था। अदालत ने पाया कि इस दौरान महंगाई में कोई कमी नहीं आई थी, जिससे इस तरह की कटौती का कोई ठोस आधार नहीं था।
एरियर्स का भुगतान
हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह 1 जनवरी 2016 से कर्मचारियों और पेंशनर्स को 119% DA के साथ एरियर का भुगतान करे। इस आदेश के अनुसार, सरकार को चार महीने के भीतर इस भुगतान को पूरा करना होगा।
सरकारी खजाने पर प्रभाव
इस फैसले से पंजाब सरकार पर लगभग 20,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। हालांकि, इससे राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को उनकी दीर्घकालीन मांग के अनुसार राहत मिलेगी।
यह फैसला न केवल कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि यह सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी है कि वेतन और भत्तों से संबंधित नीतियों में पारदर्शिता और तार्किकता आवश्यक है। इस फैसले से स्पष्ट होता है कि अदालतें कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने में सक्रिय भूमिका निभाती हैं, और सरकार को इसे लागू करने में तत्परता दिखानी चाहिए।