EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार, श्रम मंत्री ने दी जानकारी, जाने कर्मचारियों को क्या होगा इसका फायदा

श्रम मंत्रालय EPFO और ESIC में अनिवार्य अंशदान के लिए मासिक वेतन सीमा बढ़ाने पर विचार कर रहा है, जिससे अधिक कर्मचारी भविष्य की बचत योजनाओं में शामिल होंगे। यह सुधार रोजगार सृजन और EPFO सेवाओं को डिजिटल बनाने पर केंद्रित है।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO में बड़े बदलाव की तैयारी में सरकार, जाने कर्मचारियों को क्या होगा इसका फायदा

भारतीय श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा आम कर्मचारियों की वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक कल्याण में सुधार के लिए नई नीतियां और संशोधनों पर विचार किया जा रहा है। इन संशोधनों का मुख्य उद्देश्य है एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) और एंप्लॉयीज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (ESIC) की मौजूदा योजनाओं में विस्तार करना ताकि अधिक संख्या में कर्मचारी इनके लाभों का आनंद उठा सकें।

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अंशदान की बढ़ी सीमा

मौजूदा समय में EPFO के तहत अंशदान की सीमा ₹15,000 मासिक बेसिक सैलरी तक सीमित है, जबकि ESIC के लिए यह सीमा ₹21,000 है। इसे बढ़ाने का प्रस्ताव है। यह संशोधन न केवल अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों को लाभ प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रिटायरमेंट और पेंशन बेनेफिट्स के लिए अधिक अंशदान करने का विकल्प भी देगा।

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कर्मचारी और नियोक्ता के लिए नई चुनौतियां

बता दें, 20 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों के लिए EPFO के तहत अंशदान अनिवार्य है, जहाँ कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को कम से कम 12% योगदान देना पड़ता है। सैलरी की बढ़ी हुई सीमा से नियोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है, जिसे संभालने के लिए कर्मचारियों को वेतन के उस हिस्से के लिए वैकल्पिक योगदान की अनुमति दी जा सकती है, जो सीमा से ऊपर हो।

EPFO 3.0 अगली पीढ़ी की मिलेगी सुविधाएं

श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, EPFO 3.0 की योजना भी चल रही है, जिसका उद्देश्य है सिस्टम को अधिक उन्नत और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना। इस उपक्रम के तहत, पुराने सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा और नई सुविधाओं को जोड़ा जाएगा जिससे कि कर्मचारियों को अंशदान करने में और भी सहूलियत हो।

ELI स्कीम्स की आगामी प्रगति

अंत में, श्रम मंत्री ने रोजगार सृजन से जुड़ी तीन महत्वपूर्ण एंप्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) योजनाओं का भी जिक्र किया, जिनके तहत अगले दो वर्षों में दो करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करने की योजना है। ये योजनाएं श्रम मंत्रालय की बड़ी पहल हैं और इनकी मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।

इस प्रकार, श्रम मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित संशोधन और नई योजनाएं न केवल कर्मचारियों के लिए वित्तीय लाभ सुनिश्चित करती हैं बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से अधिक स्थिर और सुरक्षित भविष्य की ओर भी अग्रसर करती हैं।

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