EPFO वेतन सीमा में जल्द हो सकता है संशोधन, कर्मचारियों को EPS के तहत मिल सकती है 10,050 रूपये तक मासिक पेंशन

ईपीएफओ द्वारा पेंशन और भविष्य निधि अंशदान के लिए वेतन सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने का प्रस्ताव है, जिससे निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति में बेहतर वित्तीय सहायता मिलेगी।

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Written by Rohit Kumar

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ईपीएफओ वेतन सीमा में संशोधन जल्द, ईपीएस के तहत मासिक पेंशन 10,050 रुपये तक हो सकती है

सरकारी क्षेत्र में पेंशन सुधारों के सफल कार्यान्वयन के बाद, अब निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी वित्तीय सुरक्षा के द्वार खुलने की उम्मीद जगी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अंतर्गत भविष्य निधि और पेंशन अंशदान की गणना के लिए वेतन सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

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इस प्रस्ताव के तहत वेतन सीमा को मौजूदा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की सिफारिश की गई है। इस मामले में वित्त मंत्रालय जल्द ही अंतिम निर्णय लेने वाला है, जिससे लाखों निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को लाभ मिल सकता है।

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प्रस्तावित सुधार का महत्व

EPFO द्वारा संचालित कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में वर्तमान में पेंशन की गणना के लिए अधिकतम वेतन सीमा 15,000 रुपये निर्धारित है, जो 1 सितंबर 2014 से लागू है। हालांकि, वर्तमान आर्थिक स्थिति और बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए, वेतन सीमा बढ़ाने का यह प्रस्ताव समय की मांग है। अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को उनकी पेंशन और भविष्य निधि में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा।

पेंशन की गणना और प्रभाव

वर्तमान पेंशन गणना के फार्मूले के अनुसार:

  • फार्मूला: EPS पेंशन = (औसत वेतन x पेंशन योग्य सेवा) / 70
  • औसत वेतन: मूल वेतन + महंगाई भत्ता (DA)
  • अधिकतम पेंशन योग्य वेतन: 15,000 रुपये
  • अधिकतम पेंशन योग्य सेवा: 35 वर्ष

इस वेतन सीमा के साथ, अधिकतम EPS पेंशन 7,500 रुपये प्रति माह हो सकती है। लेकिन अगर वेतन सीमा बढ़ाकर 21,000 रुपये कर दी जाती है, तो नई गणना के अनुसार यह पेंशन राशि बढ़कर 10,050 रुपये प्रति माह हो जाएगी। इस सुधार से पेंशन में 2,550 रुपये प्रति माह की वृद्धि होगी, जो कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद की आय में महत्वपूर्ण सुधार का संकेत है।

नियोक्ता योगदान और EPFO अंशदान

इस प्रस्ताव के तहत नियोक्ता द्वारा कर्मचारी के वेतन का 8.33% EPS में योगदान दिया जाएगा, जो कि नई वेतन सीमा पर आधारित होगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 21,000 रुपये है, तो नियोक्ता द्वारा EPS में 1,750 रुपये प्रति माह का योगदान किया जाएगा।

इसके साथ ही, यदि कोई कर्मचारी अक्टूबर 2024 में 21,000 रुपये के वेतन पर किसी कंपनी में शामिल होता है, तो उस महीने के लिए कुल EPF अंशदान (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से को मिलाकर) 3,290 रुपये होगा। वेतन सीमा में यह वृद्धि EPF और EPS दोनों में अधिक योगदान सुनिश्चित करेगी, जिससे अंततः रिटायरमेंट के बाद पेंशन की राशि में वृद्धि होगी।

टेक-होम वेतन पर प्रभाव

हालांकि वेतन सीमा में यह वृद्धि दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगी, कर्मचारियों को अपने टेक-होम वेतन में कुछ कमी का सामना करना पड़ सकता है। EPF और EPS अंशदान के लिए उच्च कटौती के कारण, यह कमी देखने को मिलेगी। हालांकि, इस अल्पकालिक प्रभाव के बदले, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद अधिक पेंशन और बड़े रिटायरमेंट फंड का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

निष्कर्ष

EPS वेतन सीमा में प्रस्तावित वृद्धि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार है, जिससे उनकी पेंशन राशि में पर्याप्त वृद्धि होगी। यह बदलाव न केवल पेंशन को मौजूदा आर्थिक वास्तविकताओं के साथ संरेखित करेगा, बल्कि संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक मजबूत सेवानिवृत्ति सुरक्षा जाल भी प्रदान करेगा।

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