EPFO: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से जुड़े 19 लाख से ज्यादा सदस्य, युवाओं को मिले ज्यादा रोजगार के मौके, जाने डिटेल

EPFO की जून 2024 रिपोर्ट में 19.29 लाख नए सदस्य जुड़ने और 7.86% वृद्धि दर्शाई गई है। 18-25 आयु वर्ग के युवाओं और महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ी है। महाराष्ट्र सबसे अधिक योगदान देने वाला राज्य रहा।

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Written by Rohit Kumar

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EPFO से जुड़े 19 लाख से ज्यादा सदस्य, युवाओं को मिले अधिक मौके, ताजा आंकड़े जारी

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में जून 2024 के लिए अपनी महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की, जिसमें नए सदस्यों की वृद्धि और पुनर्नियुक्ति में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाया गया है। यह रिपोर्ट भारत के संगठित रोजगार क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों की ओर इशारा करती है, जो न केवल रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, बल्कि कर्मचारी लाभों और सामाजिक सुरक्षा के प्रति जागरूकता का भी परिणाम है।

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EPFO में सदस्यता वृद्धि

अनंतिम आंकड़ों के अनुसार, जून 2024 में EPFO ने कुल 19.29 लाख नए सदस्य जोड़े हैं। यह आंकड़ा पिछले साल जून 2023 की तुलना में 7.86 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो यह संकेत करता है कि रोजगार के अवसरों में लगातार सुधार हो रहा है। इस वृद्धि के प्रमुख कारणों में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, कर्मचारी लाभों के प्रति जागरूकता और EPFO के प्रभावी संपर्क (आउटरीच) कार्यक्रम शामिल हैं।

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युवाओं की भूमिका

जून 2024 में करीब 10.25 लाख नए सदस्यों का नामांकन किया गया, जिसमें से 18-25 आयु वर्ग के सदस्य प्रमुख रहे। यह आयु वर्ग कुल नए सदस्यों का 59.14 प्रतिशत है, जो यह बताता है कि संगठित श्रमशक्ति में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिकांश युवा पहली बार नौकरी की तलाश कर रहे हैं, और यह प्रवृत्ति स्पष्ट करती है कि देश की युवा जनसंख्या संगठित रोजगार में अपना भविष्य तलाश रही है।

पुनर्नियुक्ति में वृद्धि

EPFO के पेरोल आंकड़े बताते हैं कि करीब 14.15 लाख सदस्य नौकरी छोड़ने के बाद फिर से EPFO में शामिल हुए। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 11.79 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि उन कर्मचारियों की संख्या में इजाफा दिखाती है, जिन्होंने अपनी नौकरी बदलने के बावजूद EPFO के साथ अपने संचय को बनाए रखा और अंतिम निपटान के बजाय अपने खाते को स्थानांतरित करने के विकल्प का चयन किया है।

महिला श्रमिकों की भागीदारी

वहीं, लैंगिक आधार पर किए गए विश्लेषण से पता चलता है कि जून 2024 में करीब 2.98 लाख नई महिला सदस्य EPFO में शामिल हुईं, जो पिछले साल की तुलना में 5.88 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, कुल महिला सदस्यों की संख्या में 8.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो एक अधिक समावेशी और विविधतापूर्ण श्रमशक्ति की दिशा में देश के कदमों को प्रदर्शित करता है।

क्षेत्रीय रोजगार के केंद्र

राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों ने कुल सदस्यता वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इन राज्यों से कुल 61.16 प्रतिशत सदस्य जुड़े, जिसमें महाराष्ट्र सबसे आगे रहा, जिसने 21.09 प्रतिशत सदस्यता वृद्धि में योगदान दिया।

विशेषज्ञ सेवाओं का योगदान

उद्योग-वार विश्लेषण के अनुसार, विशेषज्ञ सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। कुल शुद्ध सदस्यता में से करीब 40.70 प्रतिशत योगदान जनशक्ति आपूर्तिकर्ताओं, सुरक्षा सेवाओं और अन्य विविध गतिविधियों का रहा। इसके अलावा, विश्वविद्यालय, स्कूल, वित्तीय प्रतिष्ठान और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कंपनियों में भी सदस्यता वृद्धि देखी गई है।

यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN)

EPFO द्वारा जारी किए गए पेरोल आंकड़े सतत रूप से अद्यतन किए जाते हैं, जिसमें आधार से मान्य यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) का विशेष महत्व है। यह प्रणाली न केवल कर्मचारी रिकॉर्ड को सुरक्षित और अद्यतित रखने में सहायक है, बल्कि रोजगार क्षेत्र की स्थिरता और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करती है।

निष्कर्ष

EPFO की रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत का संगठित रोजगार क्षेत्र विकास के पथ पर है, जिसमें युवाओं की भागीदारी, महिला श्रमिकों की संख्या में वृद्धि और पुनर्नियुक्ति के मामलों में सुधार महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह रिपोर्ट रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक दिशा की ओर इशारा करती है, जो देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में सहायक होगी।

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