यदि आप संगठित क्षेत्र में काम कर रहे हैं और आपकी सैलरी का एक हिस्सा हर महीने आपके EPF (Employees’ Provident Fund) खाते में जमा होता है, तो आपको यह जानना आवश्यक है कि यह खाता आपके रिटायरमेंट फंड के निर्माण के लिए कितना महत्वपूर्ण है। न केवल कर्मचारी, बल्कि नियोक्ता भी इसमें अपना योगदान देता है, और इस जमा राशि पर ब्याज भी मिलता है। वर्तमान में EPF खाते पर 8.25% की दर से ब्याज दिया जा रहा है, जिससे यह रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत फंड तैयार करने का अच्छा साधन बन जाता है।
EPF राशि निकालने की प्रक्रिया
जब भी आप अपने EPF खाते से राशि निकालते हैं, यह राशि सीधे उस बैंक खाते में जमा की जाती है, जो आपके EPF खाते से लिंक होता है। लेकिन अगर आपका पुराना बैंक खाता बंद हो गया है, तो आपको अपने नए खाते को EPF खाते से लिंक करना होगा, ताकि भविष्य में किसी भी परेशानी से बचा जा सके और राशि सही समय पर प्राप्त हो सके। यह प्रक्रिया कुछ सरल चरणों में की जा सकती है।
EPF खाते को नए बैंक खाते से लिंक करने की प्रक्रिया:
EPF खाते को नए बैंक खाते से लिंक करने की प्रक्रिया आप यहां बताए गए स्टेप्स को पढ़कर जान सकेंगे।
- EPFO यूनिफाइड मेंबर पोर्टल पर जाएं
सबसे पहले, आपको EPFO के यूनिफाइड मेंबर पोर्टल पर जाना होगा। - लॉग इन करें
पोर्टल पर पहुंचने के बाद, अपना UAN (Universal Account Number), पासवर्ड और कैप्चा कोड डालकर लॉग इन करें। - ‘मैनेज’ टैब पर क्लिक करें
लॉग इन करने के बाद, आपको ‘Manage‘ टैब पर क्लिक करना होगा। यहां पर एक ड्रॉप डाउन मेन्यू खुलेगा, जिसमें आपको ‘KYC’ विकल्प चुनना होगा। - बैंक विवरण दर्ज करें
KYC विकल्प चुनने के बाद, आपको अपने बैंक का चयन करना होगा और अपने बैंक खाता संख्या, नाम और IFSC कोड भरना होगा। - सबमिट करें और अप्रूवल की प्रतीक्षा करें
सभी जानकारी सही तरीके से भरने के बाद, इसे सबमिट कर दें। इसके बाद आपकी बैंक खाता लिंकिंग प्रक्रिया आपके नियोक्ता द्वारा मंजूर की जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद, आपका नया बैंक खाता EPF खाते से सफलतापूर्वक लिंक हो जाएगा।
निष्कर्ष
यह सुनिश्चित करना कि आपका EPF खाता सही बैंक खाते से लिंक है, आपकी राशि की सुरक्षित निकासी के लिए महत्वपूर्ण है। उपरोक्त प्रक्रिया को फॉलो करके आप आसानी से अपने EPF खाते को नए बैंक खाते से लिंक कर सकते हैं और किसी भी संभावित समस्या से बच सकते हैं। यह कदम न केवल आपके फंड की सुरक्षा सुनिश्चित करता है बल्कि भविष्य में किसी भी वित्तीय असुविधा से भी बचाता है।