SC Decision: कर्मचारियों की सैलरी में कटौती अनुचित, सुप्रीम कोर्ट से सरकार को लगाई फटकार, जानिए पूरी खबर

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बिना उचित कारण कटौती और वसूली को अनुचित करार दिया। बिहार सरकार का ऐसा आदेश रद्द कर, अदालत ने इसे दंडात्मक और गंभीर परिणाम वाला कदम माना।

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Written by Rohit Kumar

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SC Decision: कर्मचारियों की सैलरी में कटौती अनुचित, सुप्रीम कोर्ट से सरकार को लगाई फटकार

SC Decision: सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में अनावश्यक कटौती और उससे वसूली करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई है। गुरुवार को दिए गए एक महत्वपूर्ण फैसले में, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी कर्मचारी के वेतनमान में कटौती या उससे वसूली का कदम एक दंडात्मक कार्रवाई के समान है, जो गंभीर परिणाम ला सकता है।

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कोर्ट ने सरकार का आदेश किया रद्द

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस आर. महादेवन शामिल थे, ने कहा कि किसी कर्मचारी की सैलरी को बिना उचित कारण के कम नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, सरकार भी ऐसा कोई निर्णय नहीं ले सकती कि पिछले महीने या पिछले साल से सैलरी में कटौती की जाएगी। अदालत ने बिहार सरकार के अक्टूबर 2009 के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें एक रिटायर्ड कर्मचारी की सैलरी में कटौती का निर्देश दिया गया था।

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हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

बता दें, इस मामले में संबंधित रिटायर्ड कर्मचारी ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें हाईकोर्ट ने उनकी सैलरी में कटौती को सही ठहराया था। सरकार का कहना था कि फरवरी 1999 में जारी किए गए एक प्रस्ताव के आधार पर सैलरी तय की गई थी, जिसमें उन्हें गलत तरीके से ज्यादा सैलरी दी जा रही थी। इस मामले के विवरण के अनुसार, इस व्यक्ति ने 1966 में बिहार सरकार में आपूर्ति निरीक्षक के पद पर नियुक्ति पाई थी और 25 साल की सेवा के बाद उन्हें एसडीओ के पद पर पदोन्नत किया गया था।

क्या था बिहार सरकार का नया प्रस्ताव?

हालांकि, फरवरी 1999 में बिहार सरकार ने एक नया प्रस्ताव जारी किया, जिसमें विपणन अधिकारी और एडीएसओ की सैलरी को जनवरी 1996 से संशोधित कर घटा दिया गया था। इस प्रस्ताव के आधार पर, सरकार ने रिटायर हो चुके इस कर्मचारी को अप्रैल 2009 में पत्र लिखकर सूचित किया कि सैलरी निर्धारण में गलती हुई है और उनसे 63,765 रुपये वसूले जाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

जब कर्मचारी ने इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की, तो उनकी अपील को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए बिहार सरकार के आदेश को रद्द कर दिया और यह स्पष्ट किया कि इस प्रकार की सैलरी कटौती और वसूली सरकार की ओर से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह संदेश साफ है कि सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कटौती और उससे वसूली का कोई भी निर्णय, बिना पर्याप्त कारण और प्रक्रिया के पालन के, अनुचित होगा और इसे कानूनी रूप से चुनौती दी जा सकती है। यह निर्णय न केवल सरकारी कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि सरकारी नीतियों के पारदर्शिता और न्यायसंगत होने की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।

1 thought on “SC Decision: कर्मचारियों की सैलरी में कटौती अनुचित, सुप्रीम कोर्ट से सरकार को लगाई फटकार, जानिए पूरी खबर”

  1. Maine 01/10/2022 me naukri se retired hua ( Ferro Scrap Nigam limited, Govt. of India under taking, company) total 38 years service karne ki vaad . Mujhe EPS-’95 pension scheme ke tahat Rs. 3784.00/-milti hai . Mera aapna hisab se Rs. 5000.00/- se jyada hona chahiye tha. Lekin mujhe jankari mila sare chhutti, without pay inme shaamil karke pension me katouti Kia gaya, job ki pension ke liya ek paisa bhi kam jama nehi hua . Ferro Scrap Nigam ke management officers ke liye pension scheme banaya magar employee ke liye nehi banaya tha, par 2022 March mein wage agreement (2017 se due hue) ka samay ek pension
    agreement kya jis mein maximum employee retire ho chuka tha unko pension scheme ka bahaar rakha gaya, aur humlog kuchh employees Jo ki 6 months ke liya eligible hone ka babyud bhi FSNL ka apna banaya hua pension nehi mil raha. FSNL ke officers ko retirement ke baad salana Rs 30000/- medical facility bhi milti hai lekin employee ko nehi milti kyun. Aaj desh me itna monmani kyun ho raha?

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