EPF पेंशन पर बोले PM Modi “बिना मांगे हमने पेंशन की रकम बढ़ाई” लेकिन एक हजार रुपये में गुजर-बसर कैसे?

प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में EPS 95 पेंशनधारकों की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये की, लेकिन यह अपर्याप्त है। पेंशनधारक उचित पेंशन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, क्योंकि मौजूदा राशि में जीवनयापन मुश्किल है। सरकार को पेंशन में वृद्धि कर पेंशनधारकों को आर्थिक सुरक्षा और सम्मानपूर्ण जीवन देना चाहिए।

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Written by Rohit Kumar

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EPF पेंशन पर बोले PM Modi "बिना मांगे हमने पेंशन की रकम बढ़ाई" लेकिन एक हजार रुपये में गुजर-बसर कैसे?

10 फरवरी 2021 को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने EPS 95 (Employee Pension Scheme 1995) पेंशनधारकों के लिए न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये करने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “2014 से पहले किसी को (EPS) पेंशन 7 रुपये मिल रही थी, किसी को 25 रुपये तो किसी को 50 रुपये, किसी को 250 रुपये मिल रही थी। ये सब देश में चल रहा था। मैंने कहा कि इन पैसों को लेने जाने के लिए भी ऑटो रिक्शा में इससे ज्यादा पैसे खर्च होता होगा। किसी ने मुझसे मांग नहीं की थी। किसी मजदूर संगठन ने मुझे आवेदन नहीं दिया था। फिर भी हमने उन्हें न्यूनतम 1000 रुपये देने का फैसला किया, जबकि हमसे किसी ने मांगा नहीं था।”

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EPS पेंशनधारकों की वास्तविकता

प्रधानमंत्री जी, आपने कृपा करके पेंशन की न्यूनतम राशि को 1000 रुपये किया, लेकिन यह बताना भूल गए कि इस छोटी सी राशि में वृद्ध पेंशनधारक कैसे गुजारा करेंगे।

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अस्सी साल के एक पेंशनर की व्यथा

“मैं अस्सी साल का वृद्ध नागरिक हूं। मुझे सिर्फ 1112 रुपये पेंशन मिलता है। मेडिकल सुविधाओं के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। 40 साल SAIL में काम करने के बाद मेरी स्थिति बुरी हो गई है। सरकार को अवश्य ही पेंशन बढ़ाना चाहिए।”

पेंशन भोगियों का हक मिले

“कोई भी ये क्यों नहीं समझता कि हम कोई दया या भीख नहीं मांग रहे। हम हमारा हक मांग रहे हैं। हमारा बीस-बाइस साल तक पैसा काटा है सरकार ने और उसे ही देने में आनाकानी कर रही है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी हमारे पक्ष में फैसला दिया है फिर भी केंद्र की मोदी सरकार अडंगा लगाकर बैठी है। आखिर क्या चाहती है सरकार? क्या कोई भी परिवार 2000, 2500 या 3000 प्रति माह में गुजारा कर सकता है?”

पिछले दस सालों की निराशा

“इस सरकार ने पिछले 10 साल से पेंशनभोगियों की दुर्दशा के बारे में कुछ भी नहीं सोचा और ना ही कुछ किया। हमारे विचार से यह सरकार आगे भी सही नियत से कुछ नहीं करने वाली। यह कोई भी सोच सकता है कि 2000 रुपये के अंदर महीने भर का गुजारा पेंशन भोगी कैसे कर सकते हैं? इतनी छोटी सी बात को आज तक सरकार समझ नहीं पाई। 30-35 साल की नौकरी के बाद पेंशन भोगियों को और अर्ध सरकारी कर्मचारी केवल 2000 पेंशन मिलती है। कितनी लज्जाजनक और दर्दनीय स्थिति है।”

EPFO के पास जमा राशी का मुद्दा

“EPS 1995 के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हिस्से की जो राशि EPFO के पास जमा है वह राशि उन्हें वापस लौटा दी जाए। इस राशि का बैंक ब्याज, वर्तमान में मिल रही पेंशन से ज्यादा होगा। पेंशन की बढ़ोतरी तो एक मृगतृष्णा बनकर रह गई है। न सरकार और न ही माननीय न्यायालय इस पक्ष में हैं। जिन लोगों ने 60 वर्ष की अवस्था तक सरकार का कार्य किया उनको पेंशन क्यों मिले? क्योंकि उनको तो वेतन व अन्य सभी लाभ सेवाकाल के दौरान मिलते रहे। ये पेंशन तो उन लोगों के लिए है जो केवल सेवा भाव से, केवल पांच साल सेवा हेतु, आते हैं और अगर फिर से पांच साल का मौका मिला तो फिर अलग से अतिरिक्त पेंशन देनी होगी। इसलिए उन सेवादारों के लिए पैसा बचा कर रखना अति आवश्यक है। क्योंकि अगर सेवादार नाराज हो गए तो देश के नागरिकों की सेवा कौन करेगा? अत: जो छोटी सी राशि कर्मचारियों के नाम से EPFO के पास जमा है वह दिलवाकर वृद्ध कर्मचारियों के साथ न्याय करें।”

सरकारी पेंशन और EPS पेंशन का भेदभाव

“माननीय प्रधानमंत्री जी, आप सब सरकारी पेंशन पर अच्छा ध्यान दे रहे हैं पर कभी भी EPS की पेंशन वृद्धि के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दे रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के समान ही इन वृद्ध लोगों ने अपने जीवन में देश की सेवा की है फिर भी EPFO द्वारा चलाई गई इस योजना के साथ सौतेला व्यवहार क्यों कर रहे हैं? जब मोदी जी से ईपीएस 95 के लोग मिले थे उस समय आपने कहा था कि यह बड़ा काम नहीं है। तीन साल हो गए हैं, ये पेंशनर्स अभी भी आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। कृपा करें और बुजुर्गों का आशीर्वाद भी लें ताकि जो जीवन के कुछ साल बचे हैं, स्वाभिमान से जी सकें। आप ही बताएं कि आज इतनी महंगाई में एक हजार से 2500 में कैसे परिवार चल सकता है जबकि एक गैस सिलेंडर ही 1000 का है।”

श्रम मंत्री का एक ही जवाब

“हर बार श्रम मंत्री एक ही जवाब देते हैं कि महंगाई नहीं है और स्व वित्तपोषित योजना है तो ईपीएफओ की स्थिति कब ठीक होगी जबकि पेंशन कोष में पैसा भरपूर है। क्यों इन वृद्ध पेंशनर्स को यह योजना सरकार ने थोपी? आज तक जितनी भी हाई मॉनिटरिंग कमेटी और कोश्यारी समिति का गठन हुआ, उसे आज तक धरातल पर नहीं उतारा गया। इससे साफ है कि सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने कर्मचारियों को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो इन्हें क्यों नहीं? सरकार शीघ्र पेंशन वृद्धि करे।”

प्रधानमंत्री जी, आपने 2014 में न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये करके एक कदम जरूर उठाया, लेकिन यह अपर्याप्त है। पेंशनधारकों की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, उनकी पेंशन में उचित वृद्धि की जानी चाहिए ताकि वे अपनी वृद्धावस्था में सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें। यह उनका हक है, भीख नहीं। सरकार को इन पेंशनधारकों की आवाज सुननी चाहिए और तुरंत प्रभाव से उनकी पेंशन में सुधार करना चाहिए।

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70 thoughts on “EPF पेंशन पर बोले PM Modi “बिना मांगे हमने पेंशन की रकम बढ़ाई” लेकिन एक हजार रुपये में गुजर-बसर कैसे?”

  1. सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने कर्मचारियों को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो हमे क्यों नहीं? सरकार शीघ्र EPS पैशन का Farmula :- Basic +DA*35/12 से पैंशन की गनना करे मोदी सरकार कानुन बदल रही है तो ये कयो नही बदल सकता नेता गन 5 वर्ष M P या MLA रह कर पेंशन ले सकते है हम तो 35 वर्ष काम करने पर ही माग रहे है मोदी सरकार से हमें उम्मीद है वो निराश नहीं करेगी धन्यवाद

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  2. सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने कर्मचारियों को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो हमे क्यों नहीं? सरकार शीघ्र EPS पैशन का Farmula :- Basic +DA*35/12 से पैंशन की गनना करे मोदी सरकार कानुन बदल रही है तो ये कयो नही बदल सकता नेता गन 5 वर्ष M P या MLA रह कर पेंशन ले सकते है हम तो 35 वर्ष काम करने पर ही माग रहे है मोदी सरकार से हमें उम्मीद है वो निराश नहीं करेगी धन्यवाद

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  3. सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने नेताओं को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो हमे क्यों नहीं? सरकार शीघ्र EPS पैशन का Farmula :- Basic +DA*35/12 से पैंशन की गनना करे मोदी सरकार कानुन बदल रही है तो ये कयो नही बदल सकती ,नेता गन 5 वर्ष M P या MLA रह कर पेंशन ले सकते है।बड़े बड़े बिजनीसमेनौ के हजारों करोड़ों का कर्ज हर वर्ष माफ । ओर हम 35 वर्ष काम करके ही मांग रहे है । पर मोदी सरकार हमें हमारी मेहनत का फल भी नहीं देना चाहती । बड़ी शर्म की बात है

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    • सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने नेताओं को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो हमे क्यों नहीं? सरकार शीघ्र EPS पैशन का Farmula :- Basic +DA*35/12 से पैंशन की गनना करे मोदी सरकार कानुन बदल रही है तो ये कयो नही बदल सकती ,नेता गन 5 वर्ष M P या MLA रह कर पेंशन ले सकते है।बड़े बड़े बिजनीसमेनौ के हजारों करोड़ों का कर्ज हर वर्ष माफ । ओर हम 35 वर्ष काम करके ही मांग रहे है । पर मोदी सरकार हमें हमारी मेहनत का फल भी नहीं देना चाहती । बड़ी शर्म की बात है

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  4. सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अपने कर्मचारियों को बराबर पेंशन डीए दे रहे हैं तो हमे क्यों नहीं? सरकार शीघ्र EPS पैशन का Farmula :- Basic +DA*35/12 से पैंशन की गनना करे मोदी सरकार कानुन बदल रही है तो ये कयो नही बदल सकता नेता गन 5 वर्ष M P या MLA रह कर पेंशन ले सकते है हम तो 35 वर्ष काम करने पर ही माग रहे है मोदी सरकार से हमें उम्मीद है वो निराश नहीं करेगी धन्यवाद

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  5. हमारे उपर कोई उपकार नही किया दस सालसे हमारा हक माग रहे जिन्होने देशकी परगतीमे नया पैसेका अवशदाननही दिया उनको फूकटमे रेवडी बाटी जा रही और हम बुजुर्ग हमाराही पैसा हमारी गुजारिश करनेके लिये माग रहे क्या ये सच नही दो बार मिलनेके बाद भी अपना वादा नही निभाया क्या ये है आपके सरकारकी और आपकी ग्यारंटी जनताको मालूम नही पडता इतनी हूशारीसे आमदार, खासदार दो दो पेन्शन लेते है. जिन्होने करोडो रूपयोका भ्रस्टाचार किया है. क्या ये है सबका साथ सबका विकास हम बुजुर्गो के अशिरवाद लो शाप देनेपर मजबूर मत किजीये. हम लोग सत्ताका परिवर्तन करनेवाले वो बुजुर्ग है जिनके घर मे पाच से दस मतदाता है. ये मत भूलो जैसा आदेश आयेगा वही काम होगा. हमाराही पैसा हम माग रहे हमारे पैसे की रेवडी दूसरोको बाट कर जनता को जुगारी और निकम्मा करनेका काम मत किजए.

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  6. Eps 95 pensioners ko jo amount pension se milta hai usase to mahine bhar ki chai tak nahi aa payegi, khana, dava , kapade, to kisi se lene honge, Modi ji ki serkar se bahut ummid thi, vah bhi abhi tak puri nahi hui hai, aashaa hi nahi pura bharosa hai, Modi ji eps 95 pensioners ko sammnjanak jeevan yapan, karne layak pension jarur denge, isisash ke sath aap ka shubhchintak, Avam samarthak, sharda vats singh, eps95 pensioner, lucknow, UP. Jai hind jai Bharat.

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  7. During 2014 many-many people were getting EPS 95 pension Rs 7/-, 15/-, 25/-, 50/-,250/- and likewise and they got bounced to get available @ Rs 1000/- even then thousands of Pensioners were ignored on the same amount i.e. less than 1000/- and till the day they are getting less then 1000/-pension, while they got letters from the EPFO in their name to get increase their pension 1000/- . Got know why this partialness happened with them. Considering transparency government should provide minimum pension Rs.1000/- to these EPS 95 pensioners w e f September, 2014 and remaining arriers since starting of the day of minimum pension 1000/- provided.

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  8. मा. प्रधानमन्त्री जी
    25 वर्ष की आयु में विधवा होने के बाद जीवन के हर दुर्दिन मैंने सहन किया है।
    एक ही बेटा जिसके सास, ससुर, पत्नी ने मुझसे छिन लिया है।
    आपही बताओ
    घर से लेकर सरकार ने भी हमारा हक मारकर हमें कहीं का नहीं छोड़ा है। कुछ तो दया करो।

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  9. मोदीजी दस साल पहिले पेट्रोल ६५ रू प्रति लिटर ऑर रसोई गॅस ४०० रुपये मे मिलता था, लेकीन अभी पेट्रोल ११० और गॅस ११०० रुपये हो गया उसी तरह से खाद्य तेल, दाल तथा खास कर दवाईयो की किमते डबल टिबल से ज्यादा हो गयी है फिर आप EPS९५ की तहत न्यूनतम पेन्शन जो २०१४ से १००० रुपये मिल रही है असे पर्याप्त समझ रहे हैं, तो फिर सभी संसदो ऑर विधायको को जो केवल ५ साल के लिये चून कर आये उनको क्यू लाखो रुपये की पेन्शन ऑर ढेर सारी रियायते जैसे मुफ्त मे हवाई/रेल सफर, मेडिकल ईलाज फ्री दीया जा रहा है और ऊसमे भी बार बार बडोतरी क्यू की जा रही जब की ९९% राजनेता भ्रष्ट है.

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  10. Very good morning my dear Respected friends. God bless to all of you always in your whole life on your every movement.
    **who person are leaders of our epf pension scheme, should asked our Respected PM or other leaders, is they spent one month his/her life under Rupees either-1000 or 2000,they all rulings in country citizens as a kings**
    **Ye sab free ki khate hai aur jnta per Rob jmate hai, yeh to Btirsh rulers ko bhi piche chor doye hai**
    Sorry for disturbing you my dear Respected Sir.
    With Regards

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  11. माननीय प्रधानमंत्री जी
    आप से प्रार्थना है की ईपीएस पेंशन वालो की पेंशन भी सेंटर गवर्नमेंट एम्प्लॉय की तरह दी जाए, जो इनका अधिकार हैं, एक खुद सोचिए एक विधायक पांच साल के चुने जाने पर ही एक से दो लाख की पेंशन पता है जबकि अपने कार्यकाल में इससे कही अधिक पैसा बना लेता है, जबकि एक पीएसयू का कर्मचारी पूरे 60 साल काम करता है ओर उसको बुढ़ापे में क्या मिलता है, मात्र 1000 पेंशन, अब इस हजार रुपए में वो क्या करे ये आपको बताना होगा, यहां न तो डीए लगता जिससे पेंशन में बढ़ोतरी हो सके, ओर पेंशन भी कोई इतनी नही की दो वक्त का खाना ही खा सके। ये अन्याय है तमाम उन इपीएस पेंशनर्स के साथ जिन्होंने अपनी जिंदगी के तीस से चालीस साल सरकारी के लिए पूरी ईमानदारी से काम करके दिए। आपको इसके लिए जल्द से जल्द कुछ बड़ा फैसला लेना होगा। जिससे सभी इपीएस कर्मचारी और पेंशनर्स को लाभ मिले, इपीएस पेंशनर्स की कम से कम पेंशन 10000 दस हजार होनी चाहिए ओर बाकी उनके बेसिक के हिसाब से।
    एक भारतीय नागरिक
    देश के लोगो के हित में सोचना ये सभी का काम हैं।
    जय हिंद जय भारत
    जय श्री राम

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  12. If on it’s own initiative present Govt. could take decision to revise it to ₹1000/- per month in 2014. There thinking now to have done mercy on pensioners does not speak well. After ten years of ruling they can’t say that enough charity has been done, no more charity. Do they mean this? They should know that pension payment is not like giving alms to deserving member of the scheme. Since there is a claim by present Govt. that they are improving faults of previous Govt. then why are they shirking from responsibility to revising the EPF 1995 Pension scheme. They can’t say that it is a faulty scheme brought in by previous Govt. They are doing revision and DA payment for other previous schemes. Even Courts have given verdict to look into the matter of revision of payment for Pension schemes in general. Now question is what prevents them in looking into revision of EPF – 1995.

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  13. हमने मात्र 120 प्रति माह दिया उसमें 30साल की सेवा के बाद भी 5000 से ज्यादा नहीं मिलता। कोई पेन्सन इच्छुक सरकार को प्लान बनाकर आय व्यय को ध्यान में रखकर प्रस्ताव नहीं भेजता। आर्थिक बोझ उठाने की सरकारी सीमा होती है।

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  14. सरकार 10 बरस से लोगों को बेवक़ूफ़ बना रही है, ये कुछ भी करने वाला सरकार नहीं है, केवल सरकार अपने पेंशन को जल्दी ही तीन या चार गुना अधिक कर लेंगे पर पब्लिक के कुछ दिखाई नहीं देता, अंधी सरकार है

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  15. ये पेंशन जो 1000 नेताओं को भी मिलनी चाहिए तभी तो पता चले गा कि 1000 में कैसे काम चलता है और नेताओ का पेशन क्यूँ आपने क्या नौकरी करी है जो व्यक्ति 35 से ५० साल नौकरी करता है उसे ही पेंशन का हक होता है नेताओ को नही में तो हमारे जमा पैस पर ही पेशन ले रहे हैं।

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  16. मात्र 1000 रुपयोंमे किसी पेन्शनरोंकी कौनसी जरूरत पुरी होती है. ईसलिए जो मांग कर रहे है
    ₹ 7500/-+ डीए+मेडीकल सूविधाएं ईतना तो मा. मोदीजीने करना ही चाहिए. यह सब की मांग है.
    ईसे जल्द से जल्द पूरा किजीए.

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  17. में गत 10 वर्षो से लिख लिख कर थक गया परंतु कान में जु? जब सरकार अपने सांसदों को देती है तो छप्पर फाड़ के दे देती हैं। ये पैसा कहा से आया है । गरीब के लिये भारत में कभी सरकार निष्ठावान हुई ही नहीं। केवल अपना पेट भरो जनता भाड़ में जाए। अपने बच्चे पालो दूसरो के मर कर। हमे क्या लेना देना। कलियुग है सतयुग थोड़ा ही है जहा ईमानदारी से चलते हैं सरकार।

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  18. Modi ji,
    Apne kuch nahi vadhai.
    People still getting below Rs.1000/= per month.
    Moreover, Rs.1000 pm kya Hota Hai.
    Ye to dub Marne ki vaat hai.
    Now , Bangladesh is in crisis,
    Please release them Rs. 2000 – 3000 crores to Haram pharamos logon ke liye but you don’t have any money to increase the pension amount.
    Samp ke vachhey ko Kitna doodh pilaoge vo eik din aap ko katega.
    Jitney Modi ji aap ne pensioners par atyachaar karne Karo, result sooner or later come.
    Mera bharat Mahaan.

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  19. I appeal to the Finance Minister, Smt. Nirmala Sitaramanji, to consider relaxing the compulsory depositing of 2/3rd portion of Superannuation contribution deposited by employer company with LIC for the benefit of retiree employee. As per the practice the retiree employee has the option of encashing only 1/3rd of the corpus deposited by the employer into his account and the balance is considered as Annuity with LIC. The LIC fixes an amount to be paid to the employee either monthly or quarterly as per his wishes. This amount of annuity remains the same till the death of the retiree employee after which his spouse starts getting the same or his children as per his request. But this anount is never increased even if the interest rates increases from time to time. This system puts to a heavy loss to the retiree employee in the long run and hence thus request.

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  20. It’s better for all EPFO employees to tell govt if they are elected M P next time MLA so they take two Pention hole life and free pass for railways and all medical benefits for there spouse also so why not the semi govt employees can get proper Pention after retirement may be given by EPFO as govt employees get pension it’s not fair for disparity to the EPFO govt do for all as we are all Indians have same right

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  21. আপনি অনেক দয়া করেছেন পেনশন ভোগী মানুষের ১০০০/-টাকা নুন্যতম করে । আপনি
    পেনশন ভোগী মানুষের ১০০০/- টাকার সাথে
    DA দিয়েছিলেন? আজ বাজার মূল্য কোথায়
    পৌঁছে গেছে ? আর দেশের union যারা higher pension নিয়ে শুরু থেকে মানুষ কে ভুল বুঝিয়ে এসেছেন তারা আপনাকে কি করে বলবে । আজ দেশে মূল্য বৃদ্ধি কোথায় পৌঁছে গেছে।১০০০/- টাকা একটা মানুষের বেঁচে থাকার জন্য পর্যাপ্ত মনে করছেন ?

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  22. सुझाव है कि EPS 95 की न्यूनतम पेंशन को वर्तमान मंहगाई के अनुरूप बढ़ाना अति आवश्यक है तथा मंहगाई की दरों से भी जोड़ना चाहिए जिससे मंहगाई बढ़ने से पेंशन में भी उसी अनुपात में बढ़ोत्तरी सम्भव हो सके । वर्तमान में यह रू० 1500-2500 है जो कि काफी कम अर्थात अपर्याप्त है। वरिष्ठ पेंशन भोगियों को नियमित स्वास्थ्य हेतु भी आर्थिक तंगी की विभीषिका का सामना करना पड़ता है।

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  23. Sarkar ne ehsaas dilaya khilane pilane ki shakti swayam upar wale ke paas hai.hume sarkaar se nahi upwale se maangna chahiye.aisaa ehsaas sant sufi dilaya karte the kabhi.kabirdaas ji kaa daur laut aaya hai badhaai
    Note: ye sab pensioner ke liye nahi balki sare desh bhaar ke yuwaao ke liye bhi waqt se pehle sandesh hai apne paida karne wale se maange naaki jhola utha ke chalne wale faqeer se.

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  24. 1000 Rs. Pension kar kya aapne karamchariyon par ehsan kar diya hai ModiJi. Kabhi logical bhi socha karo. Sr. Citizen ko bina contribution 3000 Pension or apna contribution de kar bhi EPS pensioners ko 1000 Rs. Yeh kahan ka insaf hai. Neta logon ne apne bhattey, salary or pension kitni baar badhai iss bare mein socha hai kabhi. Rs. 1000 mein yeh log kaise gujara kartey hain. Iss vishey mein aapki Gaurantee kya kehti hai. Ya to neta logon ki pension or salary bhi in logon ke barabar karo ya inko itni pension to do ki yeh budhape mein apna gujara kar saken. Agar yeh bhi nahin kar saktey to yeh kehna band karo ki hum aam janta ke jeevan star ko sudharna chahtey hain. Logon ko jhol mein mat rakho. Jo karna hai clear karo. Ya to pension badhao ya phir hamara contribution with interest hamen wapis karo or EPFO ko band karo

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  25. मैने लगभग 35 वर्षो में 5लाख रुपया जमा कराया पेंशन Rs 4000से ज्यादा नही मिलेगी सरकार को पेंशन के स्थान पर ब्याज सहित eps मे जमा रकम
    वापस भुगतान करना सुनिश्चित करा कर सहयोग करना चाहिए। रवि प्रकाश

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  26. Mr. Modiji, the P. M. India should be ashamed of to say that pension has been increased to Rs. 1000 without any demand from any sanghatan. Because EPS 1995 pensioners co ordination sanghatan is demanding to increase pension since 2008 to minimum Rs.7500. On regular agitations by pensioners Mr. Bhagatsingh Koshiary committee was appointed to consider this issue and the Committee has submitted the report no.147 to Bharat sarkar Rajya sabah on 3rd Sept. 2013 with recommendations to increase minimum pension to Rs. 3000, 3 years ago. Then how does he says that there was no demand from anybody.

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  27. PRIMINISTER IS INCREASING OUR MINIMUM PENSION RS.7 TO 1,000.00. PM FORGETTING, for us he is getting 6 pensions in a month n became a Priminister of India. Salary is around 10 lacs per month.
    Social respect,power, position, Allison bungalow,,bullets proved vehicle, Z security, Social status, with out any demand public giving all types of privileges to Priminister because he is our Priminister .

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  28. मैने एक INFRASTRUCTURES LTD कम्पनी में लगभग 46 वर्ष काम किया और मेरी पेंशन 626 रुपये लगी उसके बाद Govt ने पेंशन 1126 रुपये है जो आजतक मिल रही हैं । कोई मेडिकल सुविधा नही।
    इतनी कम राशि में आदमी क्या खायें दवाईयो के पैसे पुरे नही होते और खाने राम भरोसे।
    इसका क्या हल होगा उसका कुछ नही कह सकते हैं

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  29. A person who work for 35 years get 3000rs pension and MP,MLA, Cricketer who server for few years get plenty of pension and facility life time. Service person who paid IT during the service , not only get suitable pension but have to paid tax on his savings which he have for his old age expense and treatment. THERE IS SAME RULE AND POLICY FOR ALL PENSIONER WHETHER POLITICIAN, IAS. MODI SEE OTHER PENSION WHY SHOULD HE NOT APPLY SAME EPS PENSION FOR POLITICIANS.

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  30. यह दुर्भाग्य की बात है कि श्री नरेंद्र मोदी जैसा यशश्वी प्रधानमंत्री ने epf 95 के तहत सेवानिवृतों का न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए बिना मांगे करने का श्रेय ले रहे हैं.. सारे epf पेंशनर्स को पता है कि न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए करने का फैसला 2013 में ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार का था, जो उसने भाजपा के सांसद कोश्यारी जी के नेतृत्व में गठित कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर किया था. लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों की घोषणा के कारण लागू नहीं हुआ था.. मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में बनी सरकार से उम्मीद थी कि वे इंसाफ करेंगे और कोश्यारी कमेटी की सिफारिशें लागू करेंगे.. चुनाव के दौरान सभी भाजपा नेताओं ने पेंशनरों से वादा भी किया था कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो एक महीने में ही कोश्यारी कमेटी की सिफारिशें लागू करेगी.. लेकिन मोदी जी ने कांग्रेसी सरकार के उसी फैसले को लागू किया, जो कांग्रेस ने कोश्यारी कमेटी की सिफारिशों को दरकिनार कर किया था.. यह तो भाजपा के लिए शर्म की बात होनी चाहिए. लेकिन मोदी जी ने शान बघारते हुए इस कांग्रेसी फैसले को लागू करने का श्रेय ले रहे हैं..

    मनमोहन सिंह सरकार ने भाजपा सांसद श्री कोश्यारी के नेतृत्व में उस कमेटी का गठन किया था…

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  31. मोदीजी को मैं याद दिलाना चाहता हूं की २०१४ के चुनाव से पहले भाजपा के नेता प्रकाश जावड़ेकरजी ने वादा कीया था की भाजपा की सरकार आयेगी तो तीन महिने के अंदर मिनिमम पेंशन बढ़ा कर Rs. ३००० कर दिया जायेगा, और आप अभी Rs. १०००/ करके एहसान कीया हो ईसरताराह से पार्लियामेंट में बोल रहे हो।

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