देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024 पेश करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत तीन नई रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा की। इन योजनाओं का उद्देश्य नए कर्मचारियों की नियुक्ति को बढ़ावा देना और नियोक्ताओं को सहयोग प्रदान करना है।
तीन नई योजनाओं का परिचय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2024 में घोषणा की, “हमारी सरकार प्रधानमंत्री पैकेज के तहत रोजगार प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाओं को लागू करेगी। इनमें EPF में नामांकन, पहली बार कर्मचारियों की पहचान और कर्मचारियों व नियोक्ताओं को समर्थन शामिल हैं।”
योजना A: नए कर्मचारियों के लिए एक महीने का वेतन
- लक्षित कर्मचारी: पहली बार कार्यबल में शामिल होने वाले कर्मचारी जिनका वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह से कम है।
- प्रोत्साहन: एक महीने के वेतन के रूप में 15,000 रुपये तक की सब्सिडी।
- भुगतान: सब्सिडी तीन किस्तों में दी जाएगी। दूसरी किस्त पाने के लिए, कर्मचारी को एक अनिवार्य ऑनलाइन वित्तीय साक्षरता पाठ्यक्रम पूरा करना होगा।
- शर्त: अगर कर्मचारी 12 महीने के भीतर नौकरी छोड़ देते हैं, तो नियोक्ता को सब्सिडी वापस करनी होगी।
- अवधि: यह योजना दो साल के लिए लागू है।
योजना B: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन
- लक्षित नियोक्ता: वे कॉर्पोरेट और गैर-कॉर्पोरेट नियोक्ता जिनका EPFO अंशदान का तीन साल का ट्रैक रिकॉर्ड है।
- प्रोत्साहन: विनिर्माण क्षेत्र में बड़ी संख्या में पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों की भर्ती को प्रोत्साहित करना।
- पात्रता: नियोक्ताओं को या तो 50 नए कर्मचारियों को भर्ती करना होगा या अपने वर्तमान कार्यबल के 25% को, जो भी अधिक हो, नियुक्त करना होगा।
योजना C: नियोक्ताओं को सहायता
- लक्षित नियोक्ता: वे नियोक्ता जो अपने कार्यबल को बढ़ाकर कम से कम दो नए कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों के लिए) या पांच नए कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों के लिए) शामिल करते हैं और इस स्तर को बनाए रखते हैं।
- लक्षित कर्मचारी: वे कर्मचारी जिनका वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह से अधिक नहीं है।
- प्रोत्साहन: दो वर्षों के लिए, सरकार पिछले वर्ष में नियुक्त अतिरिक्त कर्मचारियों के लिए 3,000 रुपये प्रति माह तक EPFO नियोक्ता अंशदान की प्रतिपूर्ति करेगी।
- शर्त: यह योजना उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होती जो योजना B के अंतर्गत आते हैं।
निष्कर्ष
इन नई योजनाओं के माध्यम से, सरकार का उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ावा देना और नए कर्मचारियों को कार्यबल में शामिल करना है। ये योजनाएं न केवल नए कर्मचारियों को वित्तीय लाभ प्रदान करेंगी, बल्कि नियोक्ताओं को भी प्रोत्साहित करेंगी कि वे अपने कार्यबल को बढ़ाएं और बनाए रखें। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह कदम देश में रोजगार बढ़ाने और आर्थिक स्थिरता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।