7th Pay Commission: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए कोरोना महामारी के दौरान रुके हुए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के भुगतान की मांग ने एक नई चर्चा का रूप ले लिया है। जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच इन भत्तों का भुगतान रोक दिया गया था, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक रूप से काफी प्रभावित किया गया।
नेताओं की आवाज और सरकारी प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर केंद्रित आवाजें तेज हो गई हैं। जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉयीज के नेशनल काउंसिल के सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बकाया भुगतान की अपील की है। इसी तरह, भारतीय प्रतीक्षा मजदूर संघ के महासचिव मुकेश सिंह ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बकाया को जारी करने की अपील की है।
इस मामले में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने उल्लेख किया कि महामारी के कारण वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, जिससे इन भत्तों का भुगतान अव्यावहारिक हो गया। यह स्थिति सरकार के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव डालती है।
महंगाई भत्ता की महत्वपूर्णता
आपकी जानकारी के लिए बता दें, केंद्र सरकार के कर्मचारियों का DA साल में दो बार जनवरी और जुलाई में अपडेट किया जाता है। यह भत्ता कर्मचारियों को बढ़ती महंगाई के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है और उनकी वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यदि सरकार इन बकाया भत्तों के भुगतान का निर्णय लेती है, तो यह कर्मचारियों को उनकी जरूरत के समय में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकता है।
अनुमानित लाभ
भुगतान होने पर, केंद्रीय कर्मचारियों को लगभग दो लाख रुपये तक का फायदा हो सकता है, जिसमें लेवल-1 से लेवल-14 तक के कर्मचारियों के लिए विभिन्न राशियों में एरियर्स प्रदान किए जा सकते हैं। इससे न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि इससे बाजार में खपत बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
इस प्रकार, जबकि सरकार वित्तीय बाधाओं का सामना कर रही है, कर्मचारियों और पेंशनर्स की मांगें उन्हें इस वित्तीय संकट से उबरने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान कर सकती हैं।
बीजेपी सरकार सरकारी कर्मचारियों को कुछ नहीं देने बाली है, 100% सच है
Is government say koi umeed nahi hai DA arrear milnay ki