EPF Pension After 60: EPF से 60 साल बाद कितनी मिलेगी पेंशन? यहां जानिए पूरा कैलकुलेशन

58 पर नहीं, 60 पर क्लेम किया तो पेंशन कितनी बढ़ जाएगी? EPS का असली फॉर्मूला खोल रहा राज आखिरी 60 महीनों की सैलरी से सीधा हिसाब, 35 साल सर्विस पर मिल सकता है चौंकाने वाला अमाउंट!

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Written by Rohit Kumar

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EPF Pension After 60: EPF से 60 साल बाद कितनी मिलेगी पेंशन? यहां जानिए पूरा कैलकुलेशन
EPF Pension After 60: EPF से 60 साल बाद कितनी मिलेगी पेंशन? यहां जानिए पूरा कैलकुलेशन

आजकल नौकरीपेशा लोग अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग में EPF (Employees’ Provident Fund) को एक अहम स्तंभ मानते हैं। EPF में जमा रकम के साथ-साथ Employees’ Pension Scheme (EPS) भी होता है, जिससे सेवानिवृत्ति के बाद हर महीने पेंशन मिलती है। बहुत से लोग यह सवाल पूछते हैं कि 60 साल की उम्र पूरी होने पर EPF से कितनी पेंशन मिलेगी और प्रक्रिया क्या है? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।

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EPF/EPS पेंशन की पात्रता (Eligibility)

EPF की पेंशन योजना EPS के तहत आती है। इसमें पेंशन पाने के लिए कुछ शर्तें हैं:

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  1. सेवा अवधि (Service Period): कम से कम 10 साल तक EPS में योगदान होना जरूरी है।
  2. आयु सीमा: सामान्य रूप से पेंशन 58 साल की उम्र पर मिल सकती है। लेकिन आप चाहें तो पेंशन लेने की शुरुआत 60 साल तक टाल सकते हैं।
  3. सदस्यता: सिर्फ वही कर्मचारी जिनका वेतन (बेसिक + DA) EPS योगदान सीमा में आता है, वे इसके लिए पात्र होते हैं।
  4. आवेदन: पेंशन के लिए Form 10-D EPFO कार्यालय या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भरना होता है।

पेंशन की गणना का फॉर्मूला (Calculation Formula)

EPF पेंशन का कैलकुलेशन एक तय फार्मूले से होता है:

मासिक पेंशन = (Pensionable Salary × Pensionable Service) ÷ 70 
  • Pensionable Salary (पेंशन योग्य वेतन): पिछले 60 महीनों का औसत बेसिक + DA।
  • Pensionable Service (सेवा अवधि): जितने साल तक आपने EPS में योगदान किया है।
  • 70: यह एक स्थिर संख्या है, जो फार्मूले का हिस्सा है।

नोट: पेंशन योग्य वेतन पर अभी अधिकतम सीमा (cap) ₹15,000 प्रति माह है। यानी, यदि आपका औसत वेतन इससे ज्यादा भी हो, तो पेंशन की गणना केवल ₹15,000 पर ही होगी।

प्रक्रिया: 60 साल पर पेंशन कैसे शुरू होगी?

  1. सेवा समाप्ति के बाद आवेदन: 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद कर्मचारी को पेंशन शुरू करने के लिए आवेदन करना होगा।
  2. फॉर्म भरना: इसके लिए Form 10-D भरकर नियोक्ता (employer) से सर्टिफाई कराना होगा।
  3. दस्तावेज़ जमा करना: आधार कार्ड, बैंक पासबुक/कैंसल चेक, जन्म तिथि का प्रमाण, और नौकरी का विवरण (service certificate) जरूरी होता है।
  4. EPFO प्रक्रिया: आवेदन की जाँच के बाद EPFO पेंशन मंज़ूर करता है और हर महीने आपके बैंक खाते में राशि जमा करता है।
  5. डीफर्ड पेंशन का लाभ: यदि आप पेंशन 58 की जगह 60 वर्ष की उम्र से लेना शुरू करते हैं, तो हर साल के लिए पेंशन राशि पर बोनस (आमतौर पर 4% तक) मिल सकता है।

उदाहरण से समझें (Sample Calculation)

मान लीजिए:

  • औसत Pensionable Salary = ₹15,000 (कैप के अनुसार)
  • कुल Pensionable Service = 30 वर्ष
  • आयु = 60 वर्ष

तो,

मासिक पेंशन = (15,000 × 30) ÷ 70                = 4,50,000 ÷ 70                = ₹6,428 (लगभग) 

यानी 60 साल की उम्र पर आपको लगभग ₹6,400 – ₹6,500 प्रति माह पेंशन मिल सकती है।

यह भी पढ़ें: EPS 95 Pension Rules: EPS पेंशन लेने के लिए क्या हैं नियम? हर कर्मचारी को जानना ज़रूरी

60 साल पर पेंशन लेने के फायदे

  1. ज्यादा मासिक पेंशन: 58 की बजाय 60 पर पेंशन शुरू करने पर बोनस मिलता है।
  2. लंबी सेवा अवधि: अधिक वर्षों की नौकरी करने पर सेवा अवधि बढ़ जाती है, जिससे पेंशन बढ़ती है।
  3. स्थिर आय का स्रोत: उम्र बढ़ने पर एक गारंटीड मासिक रकम मिलना आर्थिक सुरक्षा देता है।

ध्यान रखने योग्य बातें

  • 10 साल से कम सेवा होने पर मासिक पेंशन नहीं मिलती। ऐसे में आप सिर्फ EPS की निकासी ले सकते हैं।
  • 58 से पहले पेंशन लेना चाहें तो कटौती लागू होगी।
  • पेंशन राशि बहुत बड़ी नहीं होती क्योंकि यह कैप और फार्मूले से बंधी है। इसलिए EPF पेंशन के अलावा अन्य निवेश भी करना जरूरी है।

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